कुमाऊं विश्वविद्यालय की जमीन पर लंबे समय से अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए विवि प्रशासन की ओर से वर्ष 2018 से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसके बाद भी लोगों ने अपने अवैध निर्माण नहीं हटाए। इसके चलते सोमवार को कुलसचिव डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल के नेतृत्व ने यूनिवर्सिटी व पुलिस की टीम ने विवि में बने कच्चे लगभग 20 अवैध टीन शेड हटाए। इसके बाद टीम ने डीएसबी कॉलेज के समीप अवैध निर्माण तोड़े। कुल चार निर्माण तोड़े गए, जिनमें दो टिनशेड, एक कमरे की छत व एक शौचालय शामिल था। लगातार सात वर्षों तक नोटिस देने के बाद भी लोगों ने अवैध कब्जे नहीं हटाए तो कुमाऊं विवि प्रशासन ने सोमवार को अपनी जमीन से 20 से ज्यादा अवैध निर्माण तोड़ दिए। आखिरी के दो पक्के निर्माण का नंबर आने से पहले भाजपा नेताओं समेत स्थानीय लोगों ने विरोध करते हुए ध्वस्तीकरण कार्य रुकवा दिया। इसके बाद टीम लौट गई।
यहां के बाद टीम दो अन्य अवैध निर्माणों तोड़ने के लिए आगे गई। वहां एक अवैध निर्माणकारी को टीम ने एक हफ्ते की मोहलत दी। इसके बाद टीम ने पक्के अवैध भवन के स्वामी से दस्तावेज दिखाने की बात कही। इस दौरान भाजपा नेता मनोज जोशी व स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने लोगों को परेशान करने की बात कही। इस कारण टीम को लौटना पड़ा। इस दौरान टीम प्रो. एमसी जोशी, प्रो. नीता बोरा शर्मा, प्रो. हरीश बिष्ट, डॉ. सीमा चौहान, जेई अतुल कुमार, संजय पंत व प्रभारी संपत्ति कुलदीप सिंह आदि मौजूद थे।
कुलसचिव से उलझे लोग
अवैध निर्माण तुड़वाने पहुंची टीम का नेतृत्व कर रहे कुलसचिव डॉ. मंगल सिंह मद्रवाल से लोग उलझने लगे। इस दौरान जब कुलसचिव ने विवि की भूमि पर अवैध निर्माण होने की बात कही तो लोग उनका विरोध करने लगे। मामला तूल पकड़ने पर अन्य लोगों ने माहौल शांत करने की कोशिश की। इस दौरान बीचबचाव कर रहे दरोगा को भी लाेगों की अभद्रता झेलनी पड़ी। वहीं भाजपाई नेताओं ने उनके उच्च अधिकारियों को भी फोन घुमाने में कसर नहीं छोड़ी।
ध्वस्त किए गए भवन से चोरी का आरोप
कुविवि की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण अभियान चलाया। लेकिन विरोध पर उतरे लोग विवि की टीम पर ध्वस्त किए घर से चोरी का आरोप लगाने लगी। लोगों ने कहा कि जिस घर को विवि की टीम ने ध्वस्त किया, उसके स्वामी कहीं बाहर गए हुए थे। विकास एंव नियोजन विभाग ने सूचना दी थी कि लोग विवि की भूमि पर अनावश्यक अवैध निर्माण कर रहे हैं। इनमें विवि के पुराने सेवानिवृत लोग ही शामिल हैं। नोटिस के बाद विवि की ओर से कार्रवाई करते हुए टिनशेड तोड़ दिए गए हैं। लोगों ने विरोध जताया है, इसलिए अब विधिक सहायता लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल, कुलसचिव, कुविवि