ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ नॉनगजेटेड आफिसर्स की नेशनल काउंसिल की बैठक आयोजित की गई। इसमें रक्षा कारखानों में कार्यरत नॉनगजेटेड अधिकारियों की समस्याओं और उनके समाधान पर मंथन किया गया। इस दौरान विभिन्न रक्षा कारखानों से आए अधिकारियों ने नई पेशन स्कीम, निगमीकरण सहित कई प्रकार के सरकारी कुठाराघातों का विरोध किया। साथ ही आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण को समाप्त कर पुराने अस्तित्व में लाने की मांग की।बुधवार को आयोजित नेशनल काउंसलिंग मीटिंग के पहले सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि आईओएल के महाप्रबंधक रंजीत सिन्हा और कैंट विधायक सवित कपूर ने किया। महाप्रबंधक सिन्हा ने कहा कि हमें सभी निर्माणियों के भविष्य को ध्यान में रखकर काम करना है।
विधायक सविता कपूर ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार किया जाना चाहिए। सत्र में वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने आयुध कारखानों का निजीकरण कर कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। कर्मचारी किसी भी रूप में कॉरपोरेशन स्वीकार नहीं करेंगे। जो कर्मचारी वर्तमान में आयुध निदेशालय और आयुध कारखानों में काम कर रहे हैं उनको पूर्व की तरह केंद्रीय कर्मचारी ही माना जाए। आयुध निर्माणियों में रिक्त पदों को भरा जाए और मृतक आश्रितों को समय से पूर्व की तरह ही नियुक्तियां दी जाए। इसमें आठ प्रस्ताव पास किए गए। इस मौके पर पूर्व राज्य मंत्री राजकुमार पुरोहित, एल जयवर्धन रेडी, महाप्रबंधक विपुल सिन्हा, पंकज गोयल, अजय, गिरीशी उप्रेती, उमाशंकर शर्मा, सुदेश कुमार, राजकुमार आदि मौजूद रहे।