शंकरगढ़ में दुर्गा नवमी की आधी रात 17 वर्षीय किशोरी को घर के बाहर से कार में खींचकर दरिंदगी की गई। परिजनों का आरोप है कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद पांच आरोपी उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर भाग निकले। पुलिस का कहना है कि किशोरी ने छेड़छाड़ की बात बताई है और संबंधित धारा में केस दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। किशोरी के पिता काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं जबकि उसकी मां चूड़ी-बिंदी व मेकअप का अन्य सामान बेचती है। 11 अक्तूबर की रात मां मेले में दुकान लगाने चली गई थी। घर में किशेरी व उसकी ममेरी बहन थी। मां ने बताया कि देर रात भतीजी ने फोन कर उसे जल्द घर आने को कहा। वह पहुंची तो बताया कि रात ढाई बजे के करीब पड़ोस में रहने वाला शनि आया और दरवाजा खोलने को कहा। जैसे ही किशोरी ने दरवाजा खोला तो वह उसे अपने साले छोटू व तीन अन्य लोगों की मदद से बलेनो कार में खींच ले गया।
कार के अंदर बेहोश मिली किशोरी
मां का आरोप है कि खोजबीन करने पर बेटी भोर में शनि के घर के बाहर खड़ी कार में बेहोशी की हालत में मिली। सूचना देने पर डायल 112 पुलिस उसे पहले सीएचसी ले गई। वहां बेटी ने बताया कि शनि, छोटू ने अपने तीन अज्ञात साथियों संग मिलकर उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। फिर उसे कार में छोड़कर भाग निकले।जाते वक्त कहीं शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। मां का आरोप है कि पुलिस ने जबरन छेड़खानी की तहरीर पर उससे दस्तखत करा लिया। उधर पुलिस का कहना है कि किशोरी ने अस्पताल में अपने साथ छेड़छाड़ होने की बात बताई है। संबंधित धारा में केस दर्ज कर मुख्य आरोपी को हिरासत में लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
भाई का नाम लेकर खुलवाया था दरवाजा
आरोपी ने पीड़िता के भाई का नाम लेकर दरवाजा खोलवाया था। ममेरी बहन ने बताया कि आराेपी शनि घर के बाहर पहुंचकर उसकी बुआ के बेटे का नाम लेकर आवाज लगा रहा था। यह सुनकर जब उसकी फुफेरी बहन दरवाजा खोलकर घर के बाहर निकली तो उसे कार में खींच ले जाया गया। उसकी चीख सुनकर वह भी पीछे गई लेकिन शनि ने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। उधर पीड़िता की मां ने बताया कि घर पहुंचने पर उसे दरवाजा बाहर से बंद मिला था।