रामनगर वन विभाग पर नगर पालिका का 7.75 लाख रुपये संपत्ति कर बकाया है। वन विभाग यह कर पिछले 33 वर्षों से नहीं चुकाया है। इसको लेकर शासन स्तर पर भी कई बार पत्राचार हो चुका है। रामनगर नगर पालिका क्षेत्र में रामनगर वन प्रभाग की भूमि में वन कर्मियों के 250 से अधिक आवास और कार्यालय मौजूद हैं। कार्यालयों में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर वन प्रभाग, तराई पश्चिमी वन प्रभाग, भूमि संरक्षण सहित विभिन्न रेंज के कार्यालय शामिल हैं। सभी पर वर्ष 1991 में नगर पालिका की ओर से संपत्ति कर लगाया गया था। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी महेंद्र यादव ने बताया कि यह संपत्ति कर उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 (उत्तराखंड से यथाप्रवृत्त) की धारा 128 के तहत लगाया गया है। उन्होंने बताया कि 33 वर्षों से बढ़ते-बढ़ते यह संपत्ति कर अब 7,75,643 रुपये पहुंच चुका है। अब इसमें 20 प्रतिशत सरचार्ज लगाने की तैयारी है। 20 प्रतिशत सरचार्ज लगा तो यह संपत्ति कर 9,30,771 रुपये हो जाएगा।
सर्किल रेट से तय होगा संपत्ति कर
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी महेंद्र यादव ने बताया कि अब नगर पालिका भवनों पर संपत्ति कर उस क्षेत्र के सर्किल रेट से तय करेगी। वन परिसर क्षेत्र का वर्तमान में सर्किल रेट 14 से 15 हजार रुपये चल रहा है। ऐसे में वन परिसर में संपत्ति कर में बढ़ोतरी होगी। नगर पालिका की ओर से कई बार पत्राचार किया जा चुका है। यह मामला शहरी विकास मंत्रालय में गया जहां से नगर पालिका से संपत्ति कर वसूलने को कहा गया है। – राहुल शाह, एसडीएम/प्रशासक नगर पालिका।
नगर पालिका के संपत्ति कर बकाया भुगतान के लिए वन संरक्षक को पत्र लिखकर बजट मांगा गया है। बजट मिलते ही संपत्ति कर का भुगतान कर दिया जाएगा। – दिगांथ नायक, डीएफओ रामनगर वन प्रभाग