Thursday, November 6, 2025
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शासन ने मांगा स्पष्टीकरण छात्र संघ चुनाव न कराने पर निदेशक और कुलसचिवों को नोटिस

देहरादून। छात्र संघ चुनाव समय पर न करा पाने के चलते निदेशक उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालय के कुल सचिवों को नोटिस जारी किया गया है. इस दौरान एक सप्ताह के भीतर इन सभी से तथ्यों के साथ स्पष्टीकरण मांगा गया है. राज्य सरकार ने एकरूपता लाने के लिए शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था। इसके बावजूद तय समय सीमा पर छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए, जिसको लेकर अब संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है। उत्तराखंड के कॉलेजों और विश्वविद्यालय में शैक्षणिक कैलेंडर जारी करते हुए एकरूपता लाने की बात तो कही गई, लेकिन इस शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार इन संस्थानों में छात्र संघ चुनाव नहीं कराए जा सके। इसी को देखते हुए अब उच्च शिक्षा के निदेशक और विश्वविद्यालय के कुल सचिवों को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है। शासन में इस संदर्भ में चार विश्वविद्यालय के कुल सचिवों से जवाब मांगते हुए एक सप्ताह के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है शासन की तरफ से जारी पत्र के अनुसार 23 अप्रैल 2024 को शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया गया था, जिसके तहत सभी राजकीय महाविद्यालय और विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र संघ चुनाव 30 सितंबर तक किए जाने थे, लेकिन इन विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव नहीं करवाए गए और न ही शासन को इस संदर्भ में सूचित किया गया।

ऐसे में छात्रों द्वारा भी चुनाव कराए जाने को लेकर आंदोलन भी किया जा रहे हैं। जिससे यहां की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. यह सब तब है। जब लिंग दो कि समिति की सिफारिशो में भी छात्र संघ चुनाव समय से किए जाने के निर्देश स्पष्ट तौर पर दिए गए हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने बड़ा एक्शन लिया है और संबद्ध महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि इस संदर्भ में उचित जवाब नहीं आता है तो नियम संगत कार्रवाही भी की जाएगी। उच्च शिक्षा के तहत तमाम महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव को लेकर पिछले लंबे समय से असमंजस की स्थिति बनी हुई है और सरकार की तरफ से भी इस पर अपना पक्ष रखा जाता रहा है। बड़ी बात यह है कि छात्र भी समय से छात्र संघ चुनाव नहीं होने के कारण आंदोलन के लिए आगे आए हैं और इससे विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में परेशानियां बढ़ी हैं। इन्हीं स्थितियों को देखते हुए शासन में इस पर कार्रवाई करने का फैसला लिया है।

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