हरिद्वार। शहर के सुमन नगर क्षेत्र में सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी अवैध मजार को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ चलाए जा रहे बड़े अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। इससे पहले, जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले नोटिस जारी किया था, जिसकी समय सीमा समाप्त होते ही आज बुलडोजर कार्रवाई को अंजाम दिया गया। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा, ताकि किसी भी तनावपूर्ण स्थिति से निपटा जा सके। मौके पर SDM अजय वीर समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
हरिद्वार में तोड़ी गई अवैध मजार। अवैध निर्माण किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा! प्रशासन ने साफ किया कि अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने का अभियान जारी रहेगा। अगले चरणों में अन्य अवैध निर्माणों पर भी कार्रवाई होगी। अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की नीति का हिस्सा है। इस दौरान स्थानीय प्रशासन ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है।
हरिद्वार में 10 अवैध मदरसे सील किए जा चुके हैं। इसी के साथ जानकारी देते हुए हरिद्वार के एसडीएम अजय वीर सिंह ने बताया कि अब तक एक दर्जन से अधिक अवैध मजारों को हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा ध्वस्त किया गया है। यदि हरिद्वार क्षेत्र के मदरसों को सील करने की बात करें, तो अब तक 10 मदरसों को हरिद्वार क्षेत्र में सील किया गया है। उत्तराखंड में अब तक 500 से ज्यादा अवैध मजारें हटाई जा चुकी हैं।
अवैध मदरसों के खिलाफ भी चल रहा अभियान। उत्तराखंड में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई जारी है। इससे पहले 21 मार्च को उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में 18 मदरसों को सील किया गया था। उधमसिंह नगर में 16 और हरिद्वार जिले में 2 मदरसों पर सीलिंग की कार्रवाई हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि प्रदेश के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ नहीं करने दी जाएगी। धर्म की आड़ में अवैध रूप से धंधा चलाने वालों पर सख्ती बरती जाएगी। उत्तराखंड में अभी तक 136 मदरसों को सील किया जा चुका है। सरकार को जो रिपोर्ट मिली है उसके अनुसार उत्तराखंड में 500 अवैध मदरसे चल रहे हैं। सरकार को ये भी शक है कि कहीं ये मदरसे हवाला फंडिंग के जरिए तो नहीं चल रहे हैं। इसकी भी जांच चल रही है।