काशीपुर। न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर की अदालत में रॉयल काष्ठ उद्योग जसपुर के पार्टनर अब्दुल सलीम ने धारा 138 एनआईए का परिवाद प्रस्तुत किया। इसमें कहा कि उसकी फर्म से मैसर्स सहारा फर्नीचर के प्रोपराइटर मुशरान हुसैन निवासी इंदिरा नगर हल्द्वानी ने उनसे 25 हजार रुपये का माल खरीदा था। इसके एवज में मुशरान हुसैन ने सितंबर 2023 का चेक दिया था। बैंक में जमा करने पर स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद विलय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की टिप्पणी के साथ भुगतान नहीं हो सका। इसके आधार पर न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर ने 18 सितंबर 2023 को अभियुक्त को तलब कर लिया। इसके खिलाफ मुशरन हुसैन ने तलबी आदेश 18 सितंबर 2023 को अपास्त कराते हुए निगरानी दाखिल की। उसकी सुनवाई द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश रीतेश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान मुशरन के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने निष्कर्ष किया कि उक्त चेक 2018 तक ही वैध था। जबकि परिवादी ने इसका उपयोग 2023 में करना बताया है। न्यायालय ने सुनवाई के बाद निगरानी स्वीकार कर तलबी आदेश 28 मई 2025 के फैसले को निरस्त कर दिया।
अमान्य चेक के आधार पर दायर परिवाद को निगरानी न्यायालय ने किया खारिज
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