शासन के निर्देश पर खेल मैदान का जिम्मा जिला खेल विभाग को देने के विरोध में पालिका बोर्ड खुलकर सामने आ गया है। सभासदों ने साफ कह दिया है कि बोर्ड गठन के बाद हुआ अनुबंध उन्हें स्वीकार नहीं। चेतावनी दी है कि बोर्ड समेत निकाय व सफाई कर्मी आंदोलन कर विरोध करेंगे। विरोध में सफाई व्यवस्था भी ठप कर दी जाएगी। रविवार के अंक में अमर उजाला ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद खेल विभाग ने मैदान के लिए कुछ नियम व शर्तें बदलीं। इधर सोमवार को अंबेडकर दिवस के राजकीय अवकाश के दिन भी पालिकाध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल की अध्यक्षता तथा 11 सदस्यों की मौजूदगी में हुई बोर्ड बैठक में अनुबंध के विरोध का ऐलान किया गया। पालिकाध्यक्ष ने दो टूक कहा कि खेल मैदान में पालिका की अनुमति के बिना बोर्ड भी नहीं लगने देंगे। खेल मैदान में धार्मिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक आदि आयोजन भी होते हैं। सैलानी वहां से आवागमन करते हैं। ऐसे में केवल खेल और ट्रैक सूट पहनने की शर्त अव्यावहारिक है।
देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष त्रिलोचन टांक ने कहा कि सफाई कर्मी पालिका व बोर्ड के साथ हैं। बोर्ड की नहीं सुनी गई तो आगामी चिंतन शिविर के दौरान सफाई व्यवस्था ठप की जाएगी।बोर्ड गठन के बाद ईओ को लीज पर देने का अधिकार नहींनैनीताल। मैदान को लेकर हुई बोर्ड बैठक की ब्रीफिंग में पालिकाध्यक्ष डॉ. खेतवाल ने कहा कि 25 जनवरी को पालिकाध्यक्ष तथा सभासद निर्वाचित हुए। प्रशासन ने शपथ ग्रहण में देरी की। इसी बीच अनुबंध तैयार कर खेल मैदान को जिला खेल विभाग को दे दिया गया। बोर्ड गठन के बाद अधिशासी अधिकारी को ऐसे अधिकार बिलकुल नहीं हैं। पहली बोर्ड बैठक में भी बोर्ड ने तय किया था कि मैदान हम खुद चलाएंगे।
ये सभासद रहे मौजूद
मनोज साह जगाती, जीतेंद्र पांडे, भगवत रावत, सुरेंद्र कुमार, राकेश पवार, रमेश प्रसाद, अंकित चंद्रा, गजाला कमाल, गीता उप्रेती, लता दफौटी, शीतल कटियार। चार सभासद बैठक में उपस्थित नहीं हुए।