आपदा के लिए संवेदनशील उत्तराखंड राज्य में धराली आपदा ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। स्थिति यह है कि घटना के एक सप्ताह बाद भी अभी तक आपदा के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल पाया है।
आपदा से पहले ही पूरा गांव खाली करा दिया गया
आल्प्स पर्वत का एक विशाल ग्लेशियर का हिस्सा टूट गया जिससे हजारों टन बर्फ, कीचड़ और चट्टानों का सैलाब गांव की ओर बह आया। जिसमें स्विटजरलैंड का ब्लैटिन गांव जलमग्न हो गया लेकिन यहां अर्ली वार्निंग सिस्टम के चलते आपदा से पहले ही पूरा गांव खाली करा दिया गया था। भेड़ों और यहां तक कि गायों को भी हेलिकॉप्टर से निकाला गया था। प्रो. बिष्ट ने कहा कि धराली आपदा के बाद शासन को अर्ली वार्निंग सिस्टम के प्रति गंभीर होना होगा। अन्यथा भविष्य में और भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
2021 को ग्लेशियर फटने से ऋषिगंगा में आई थी बाढ़
सात फरवरी 2021 को ग्लेशियर फटने से ऋषिगंगा में बाढ़ आ गई थी। इस बाढ़ में ऋषिगंगा और तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे। ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 200 से अधिक मजदूर व अन्य लापता हो गए थे। घटना के बाद प्रदेश के वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक व गढ़वाल केंद्रीय विवि के भूगर्भ विभागाध्यक्ष प्रो. एमपीएस बिष्ट सहित अन्य भू-वैज्ञानिकों ने नदी घाटी परियोजनाओं के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में श्रृंखलाबद्ध अर्ली वार्निंग सिस्टम (एवीएस) लगाए जाने की बात पर जोर दिया था।
ऋषिगंगा की आपदा के बाद भू-वैज्ञानिकों ने अर्ली वार्निंग सिस्टम बताया था जरूरी, नहीं हुई कोई पहल
भू-वैज्ञानिक लंबे समय से राज्य में नदी परियोजना क्षेत्रों के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्रों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने के लिए आगाह कर रहे हैं। 2021 में ऋषिगंगा आपदा के बाद भू-वैज्ञानिकों ने इसका पुरजोर समर्थन किया था लेकिन शासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। राज्य में अर्ली वार्निंग सिस्टम की सुविधा होती तो शायद धराली आपदा में जनहानि का आंकड़ा कुछ और होता।
लापता लोगों में धराली गांव का एक चार वर्षीय मासूम
आपदा ग्रस्त धराली में पुलिस हेल्प डेस्क ने स्थानीय स्तर पर लापता लोगों की सूची तैयार की है। इसमें 73 लापता लोगों के नाम हैं। पांच लापता नेपाली मजदूरों से संपर्क हो चुका है। अमर उजाला ने भी पहले दिन ही आपदा में लापता लोगों का आंकड़ा लगभग 70 बताया था। अब खोजबीन के बाद प्रशासन के आंकड़े भी इसके आसपास पहुंच रहे हैं। लापता लोगों में धराली गांव के एक चार वर्षीय मासूम के साथ ही आठ लोगों के नाम हैं। वहीं नेपाल के एक 18 वर्ष के मासूम के साथ ही नाबालिग का नाम भी दर्ज किया गया है।
आठ जगहों पर दिए कैडेवर डॉग्स ने संकेत, खोदाई हुई तो निकला पानी
धराली में ग्राउंड जीरो पर एनडीआरएफ के कैडेवर डॉग्स (शव खोजी कुत्ते) ने आठ जगह सूंघकर संकेत दिए। यहां खोदाई शुरू हुई तो नीचे से पानी निकल आया, जिससे वहां काम रोकना पड़ा। अब यहां ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) से ग्राउंड जीरो की स्कैनिंग की जा रही है। इस राडार की तरंगों से मलबे में दबे भवनों की खोज की जाएगी। इसके बाद जहां से सही दिशा में संकेत मिलेंगे वहीं पर खोदाई की जाएगी।
धराली के आपदा प्रभावित क्षेत्र को सेक्टर में बांटा
धराली में राहत-बचाव दलों का खोज, बचाव अभियान जारी रहा। धराली में एनडीआरएफ के कंट्रोल रूम के साथ इंसीडेंट कमांड पोस्ट स्थापित हो गई है। आपदा प्रभावित क्षेत्र को इंसीडेंट कमांडर ने सेक्टर में बांट दिया है। वहीं, अब तक आपदा प्रभावित क्षेत्र से करीब 1300 लोगों को निकाला जा चुका है। प्रशासन का मानना है कि फंसे हुए करीब सभी लोगों को निकाल लिया गया है।
इसमें सेक्टर-ए की जिम्मेदारी एनडीआरएफ, सेक्टर-बी की जिम्मेदारी सेना, सेक्टर-सी की जिम्मेदारी एसडीआरएफ, सेक्टर-डी की जिम्मेदारी आईटीबीपी को सौंपी गई है। रोड सेक्टर की जिम्मेदारी लोनिवि, बीआरओ तथा बीजीबी रुड़की को सौंपी गई है। सोमवार कासे 635 पैकेट सूखे राशन के भेजे गए हैं।
सात जिलों में स्कूल बंद
प्रशासन ने बारिश के अलर्ट के मद्देनजर आज मंगलवार को देहरादून, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल, यूएसनगर, बागेश्वर, चंपावत जिले में स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।
आज भी भारी बारिश की संभावना
उत्तराखंड में मंगलवार भी कई जगह मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर जिले में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट और देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, बागेश्वर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी तेज बारिश होगी।धराली में आज भी मंगलवार सुबह से ही रेस्क्यू टीमें खोज एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। हर्षिल, धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में लापता लोगों की तलाश लगातार जारी है। लेकिन मौसम के कारण हेली से रेस्क्यू शुरू नहीं पाया है। मौसम विभाग की ओर से आज प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं खीर गंगा का जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ गई है। हर्षिल घाटी में करीब एक घंटे हुई तेज बारिश के कारण आपदा प्रभावित गांव में खीर गंगा के जलस्तर बढ़ने से घबराए लोगों ने दूसरी पहाड़ी पर शरण ली। उत्तरकाशी जिले के धराली में आई भीषण आपदा के एक सप्ताह बाद लापता लोगों का आंकड़ा बढ़ गया है। प्रशासन ने 42 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, जबकि एक लापता का शव बरामद हुआ है। प्रारंभिक आकलन में आपदा से 40 होटल, होमस्टे और रिजॉर्ट को नुकसान होने की बात सामने आई है। धराली आपदा को एक सप्ताह का समय बीत गया है। भीषण आपदा से मलबे में दफन धराली बाजार में लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान बचाव व राहत कार्यों में जुटे हैं। शुरूआत में प्रशासन की ओर से आपदा में 15 लोग लापता होने बताया गया लेकिन अब 42 लापता लोगों की पुष्टि की है। इसमें सेना के नौ जवान, धराली गांव के आठ, निकटवर्ती गांव के पांच, टिहरी जिले के एक, बिहार के 13, उत्तर प्रदेश के छह लोग शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल मूल के 29 मजदूरों के लापता होने की भी सूचना है। इसमें धराली क्षेत्र में संचार सेवा बहाल होने के बाद पांच मजदूरों से संपर्क हो चुका है। शेष 24 मजदूरों के बारे में ठेकेदारों से जानकारी नहीं मिल पाई है।







