राजधानी लखनऊ में चिनहट खंड में बिजली कनेक्शन पाना और गलत बिल सही कराना आसान नहीं है। यहां जिम्मेदार अफसर अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों की नहीं सुनते, आम जनता की तो बात ही दूर है। इसी लापरवाही के शिकार लोनापुर निवासी माली गणेश कुमार मौर्य पिछले 13 माह से घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए भटक रहे हैं।गणेश कुमार ने 16 अगस्त 2024 को 18,585 रुपये का एस्टीमेट शुल्क जमा किया था। एक पोल लगाकर कनेक्शन होना था, मगर फाइल दबा दी गई। गणेश ने बताया कि यदि बिजली मिल गई होती तो उसका मकान भी बन चुका होता, पर कनेक्शन न मिलने से नींव तक नहीं पड़ सकी। साहब लोगों से फरियाद करने और अधिशासी अभियंता से मिलने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
आवेदक को कनेक्शन देने की हो रही कार्रवाई
गोमतीनगर विस्तार के एसडीओ मनीष यादव ने बताया कि उपखंड के पूर्व एसडीओ ने आवेदक गणेश कुमार मौर्य से 35 रुपये वर्गफीट योजना में बिजली कनेक्शन लेने के लिए एस्टीमेट जमा कराया था। यह प्रकरण सोमवार को मेरे संज्ञान में आया है। आवेदक को कनेक्शन देने की कार्रवाई चल रही है।
दो महीने से दौड़ा रहे जेई
इसी तरह मलिहाबाद निवासी अजीत यादव ने बताया कि संतोष कुमारी के नाम से पांच जुलाई को कनेक्शन के लिए आवेदन किया गया। 31 जुलाई को 1,570 रुपये शुल्क भी जमा कर दिया। इसके बावजूद जेई पिछले दो महीने से केवल आश्वासन दे रहे हैं। इस संबंध में अधीक्षण अभियंता भविष्य कुमार सक्सेना ने बताया कि मामला संज्ञान में आ गया है, मंगलवार को ही कनेक्शन कर दिया जाएगा।







