राजाजी पार्क भेजने के लिए ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखे गए बाघ की इलाज के दौरान सोमवार रात मौत हो गई। रेस्क्यू के दौरान जब बाघ को पकड़ा गया था, वह घायल था। सीटीआर निदेशक डॉ धीरज पांडे ने बताया एक मई को राजाजी पार्क भेजने के लिए कॉर्बेट के पशु चिकित्सक डॉक्टर दुष्यंत शर्मा ने एक नर बाघ को पकड़ा था। बाघ की उम्र 6 से 7 वर्ष के बीच थी। रेस्क्यू के दौरान बाघ घायल था। बाघ के कंधे और पेट में घाव के निशान थे।
ढेला रेस्क्यू सेंटर में डॉ. दुष्यंत शर्मा की निगरानी में बाघ का इलाज चल रहा था। उपचार के दौरान बाघ की मौत हो गई। मंगलवार को पांच डॉक्टरों की टीम ने बाघ का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ की मौत की सही वजह सामने आएगी। पोस्टमार्टम करने वाली टीम में डॉ. मंजुल कांडपाल आदि रहीं। पोस्टमार्टम के बाद उपनिदेशक दिगांथ नायक, दुष्यंत शर्मा, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, डॉ. शालिनी जोशी आदि की मौजूदगी में बाघ के शव को जलाकर नष्ट कर दिया गया।