हल्द्वानी। किसी के मौत का सही समय का अंदाजा लगाने के अलावा डीएनए जांच आदि में फोरेंसिक एक्सपर्ट का बड़ा योगदान होता है। फोरेंसिक एक्सपर्ट का पद ढाई साल से रिक्त होने से मोर्चरी में अब केवल पोस्टमार्टम ही हो रहे है।मोर्चरी में हर दिन औसतन दो से तीन पोस्टमार्टम किए जाते हैं। पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों की ड्यूटी लगाने और अन्य व्यवस्था का जिम्मा फोरेंसिक विभागाध्यक्ष के पास होता है। ढाई माह पहले तक फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. पूजा ही विभागाध्यक्ष भी थी। उनके जाने के बाद अब पोस्टमार्टम कागजी कोरम तक ही सीमित रह गया है।
परीक्षार्थियों ने कार पर मारा था स्क्रैच
फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. पूजा ने सेमेस्टर परीक्षा के दौरान इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस लेकर बैठे परीक्षार्थी को डांटा था। इसके बाद उनकी कार पर स्क्रैच मार दिया गया। सीसीटीवी में स्क्रैच मारने वाले वही परीक्षार्थी निकले। बाद में जब डॉ. पूजा ने इस्तीफे की चेतावनी दी तो उक्त परीक्षार्थियों पर कार्रवाई हुई। इस वाकये के एक माह बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
पिछले माह हुए थे इंटरव्यू
फोरेंसिक एक्सपर्ट का पद खाली हुआ तो इसे भरने के लिए एसटीएच में चिकित्सकों के इंटरव्यू हुए। अन्य पदों पर अभ्यर्थी आ गए लेकिन फोरेंसिक एक्सपर्ट के लिए किसी ने भी आवेदन नहीं किया। फोरेंसिक एक्सपर्ट का पद भरने के लिए इंटरव्यू कराया था लेकिन कोई आया ही नहीं। अब बेस अस्पताल को पत्र भेजा गया है। मुख्यालय स्तर से कुछ चिकित्सक मिलने वाले हैं। उसमें से यदि फोरेंसिक एक्सपर्ट मिला तो उन्हें यहां भेजा जाएगा। – डॉ. जीएस तितियाल, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कालेज







