रानीखेत रोड स्थित बिल्डिंग में चल रहे कांग्रेस दफ्तर के स्वामित्व को लेकर हुआ बवाल सोमवार को रातभर ड्रामे के बाद मंगलवार को समाप्त हुआ। बिल्डिंग के भीतर रह रहे लोगों का रात में ही सत्यापन होने के बाद मंगलवार सुबह चार बजे कांग्रेसियों ने धरना समाप्त किया। मंगलवार सुबह ही व्यापारी नीरज अग्रवाल ने कार्यालय पर कब्जा ले लिया। इधर पूर्व विधायक रणजीत रावत ने कहा कि प्रशासन ने उनके साथ धोखा किया है। बुधवार को वह अपना पक्ष जनता के सामने रखेंगे।बिल्डिंग में सोमवार को व्यापारी नीरज अग्रवाल ने भीतर से ताला लगा दिया था। इसमें पार्टी दफ्तर चला रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने बाहर से अपना ताला जड़ दिया था।
इस पर नीरज अग्रवाल ने उन्हें बंधक बनाए जाने की शिकायत की। वहां पहुंची पुलिस ने कांग्रेसियों का बाहर से लगा ताला तोड़ दिया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। पूर्व विधायक के समर्थन में यहां कांग्रेस के बड़े नेता भी पहुंच गए। रात को भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, जसपुर विधायक आदेश चौहान सहित कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठे रहे। मंगलवार तड़के तीन बजे कांग्रेसी कार्यकर्ता कार्यालय के अंदर मौजूद लोगों का सत्यापन करने की मांग करने लगे। करीब चार बजे एसडीएम प्रमोद कुमार के नेतृत्व में प्रशासन की टीम जसपुर विधायक व एक अन्य कार्यकर्ता के साथ कार्यालय के अंदर पहुंची। यहां पर सभी सुबह करीब साढ़े चार बजे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त कर दिया।