बरसात के पानी के साथ घर में तीन-चार सांप भी घुस गए थे। बड़ी मुश्किल से उन्हें बाहर निकाला। कीड़े-मकोड़े भी दीवारों से चिपके हुए थे। किचन के फर्श पर केंचुए रेंग रहे थे। बच्चों को डर के मारे छत पर सुला दिया था। जब देर रात 12 बजे पानी उतरना शुरू हुआ, तो रातभर घर की सफाई की। पूरा परिवार कमरों से पानी बाहर निकालने में जुटा रहा। सुबह से एक कप चाय तक नसीब नहीं हुई। जब दोपहर ढाई बजे पटवारी खाने के पैकेट लेकर पहुंचे, तब जाकर बच्चों ने कुछ खाया।
तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश तो रुक गई लेकिन इनकी मुसीबतें अभी भी कम नहीं हुई। कॉलोनी के कुछ मकानों के सामने अभी भी पानी भरा हुआ है। पानीपुरी, सब्जी व अन्य चीजों का ठेला लगाने वाले अभी भी काम पर नहीं लौट पाए हैं। उनके घर के सामने पानी भरा हुआ है। बच्चे घर में ही कैद हैं। बुधवार को दोपहर ढाई बजे और रात नौ बजे प्रशासन ने खाने के पैकेट पहुंचा दिए थे। बृहस्पतिवार की दोपहर ढाई बजे खाना बंटा। बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी इन पैकटों पर अभी निर्भर हैं। यहां के लोग प्रशासन से आर्थिक सहायता की उम्मीद लगाए बैठे हैं, ताकि वह अपने नुकसान की कुछ भरपाई कर पाएं।
ज्यादा परेशान व्यक्ति को मिलेगी सहायता राशि
कॉलोनी निवासी विशेष ने बताया कि पटवारी साहब आए थे और बोले जो ज्यादा परेशान है सिर्फ लिस्ट में उनका ही नाम लिखा जाएगा। उन्हें ही सहायता राशि मिलेगी। वह कहने लगे कि जब पानी सभी के घर में भरा था, तो सहायता राशि सिर्फ चंद लोगों को क्यों?
लोगों को मिली सहायता राशि
हेमपुर इस्माइल क्षेत्र के लोग भी बाढ़ से प्रभावित हुए थे। यहां के लोगों को बुधवार रात डीएम नितिन सिंह भदौरिया और एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने पहुंचकर राशन वितरण किया था। साथ ही उन्हें सहायता राशि के चेक वितरित किए थे। यहां भी पानी उतरकर गया है लेकिन अभी भी कुछ जगहों पर जलभराव की स्थिति है।सहायता राशि देने के मानक हैं, जो पात्र हैं उन्हें राशि दी जाएगी। कोई पात्र व्यक्ति नहीं छूटेगा। डिटेल सर्वे कर लिया गया है। कुछ क्षेत्रों में चेक बंट चुके हैं, बचे हुए क्षेत्रों में शुक्रवार तक चेक बांटे जाएंगे। – अभय प्रताप सिंह, एसडीएम, काशीपुर