हल्द्वानी। यूपी और पंजाब की पुलिस ने उत्तराखंड आकर साइबर ठगी के एक बड़े गिरोह को न केवल सामने लाया, बल्कि बाजपुर से एक युवक को पंजाब भी लेकर चली गई। जबकि यहां मुकदमा दर्ज होने के बाद बनभूलपुरा थाना पुलिस साइबर ठगी के आरोपी 12 शातिरों को अब तक पकड़ नहीं पाई है। देश के विभिन्न जगहों से अपने खुलवाए खातों में रकम मंगाने वाले गिरोह के सदस्य बेधड़क घूम रहे हैं।30 मई को नोएडा पुलिस हल्द्वानी आई और बनभूलपुरा के रमेश चंद्र को तलाशा तो यहां यह मामला पता चला। एमएस बेकर्स के कर्मचारी रमेश चंद्र खुद ही थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में वादी बन गया। उसके करंट अकाउंट में ही साइबर ठगी की 1.20 करोड़ की रकम का लेन-देन पाया गया था। रमेश ने गिरोह के 12 लोगों का कच्चा चिट्ठा पुलिस के सामने खोल दिया था।
मामला हाई प्रोफाइल था, ऐसे में बनभूलपुरा थाना में मुकदमा दर्ज तो हो गया लेकिन एमबीपीजी कॉलेज के छात्रसंघ के पूर्व उप सचिव करन अरोड़ा, उसके भाई प्रियांशु ठाकुर सहित 12 आरोपियों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। लग्जरी गाड़ियों से घूमने वाले और कभी-कभी निजी सुरक्षा गार्ड रखने वाले इन आरोपियों को पकड़ने के लिए एक दरोगा और चार सिपाहियों की टीम लगाई गई है। यह टीम कब तक उन्हें पकड़ पाएगी, यह वह ही जाने, लेकिन पंजाब और नोएडा पुलिस अपना काम तेजी से कर रही है। वह मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही बाजपुर से इस गिरोह से जुड़े एक युवक को उठाकर चली भी गई। यहां की पुलिस अब तक विवेचना के नाम पर सुस्त चाल से चल रही है।रमेश चंद ने जो मुकदमा दर्ज कराया है, उसमें छात्र नेता करन अरोड़ा, उसका भाई प्रियांशु ठाकुर, एमएस बेकर्स का मालिक बनभूलपुरा निवासी साजिद, अनस, हसनान, कैफ, रमीज, सिकंदर हुसैन, यूसुफ, वाजिद, मोनिस और नितिन अटवाल नामजद हैं। बनभूलपुरा थाना प्रभारी नीरज भाकुनी ने कहा कि टीम सभी आरोपियों की तलाश में जुटी है। विवेचना भी तेज है। अभी बैंकों में जाकर खातों की डिटेल व बैंक स्टेटमेंट को एकत्रित किया जा रहा है।