नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बुधवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा, कच्ची उम्र में घर से भागकर शादी करने की प्रवृत्ति गलत है। वे समझते नहीं हैं कि जिन माता-पिता ने तमाम कष्ट उठाकर उन्हें पढ़ा-लिखाकर बड़ा किया, उन्हें एक मिनट में छोड़कर दूसरे के साथ कैसे चले जाते हैं। ऊधमसिंह नगर के शादीशुदा जोड़े को सुरक्षा के आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा ने चिंता जाहिर करते हुए यह भी कहा कि 18-19 आयुवर्ष होते ही घर से भागकर शादी करने वाले, ये बच्चे अपने भविष्य के बारे में यह तक नहीं सोचते हैं कि आगे क्या होगा। यदि वे कोई सामान्य सी नौकरी कर लेते हैं तो इससे क्या वे अपना पूरा जीवन यापन कर पाएंगे। वे यह नहीं समझ पाते कि पहले आत्मनिर्भर बन जाएं। फिर जिससे प्यार करते हैं, उसके बारे में अपने माता-पिता को बताकर उन्हें राजी करें और शादी के बारे में सोचें। कोर्ट ने कहा कि आगे चलकर कई मामलों में तलाक तक की नौबत आ जाती है। पहले भी एक मामले में एक जोड़ा कोर्ट में सुरक्षा के लिए आया था। उस मामले में पहले युवक ने नाबालिग से बलात्कार किया और फिर शादी कर ली। उसके बाद कोर्ट में सुरक्षा के लिए याचिका दायर कर दी।
यह है मामला?
बुधवार को हाईकोर्ट ने जिस मामले में सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, वह ऊधमसिंह नगर का है। वहां की काजल कश्यप व एक युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वे दोनों बालिग हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से विवाह किया है। याचिका में कहा कि उन्हें अपने घर किया है। याचिका मकहाँ कियोंकि इस शादी से खुश नहीं है। याचिका में कहा कि उन्होंने अपनी सुरक्षा के संबंध में एसएसपी को प्रत्यावेदन दिया है, लेकिन कार्रवाई नहीं एसएसपी ऊधमसिंह नगर को दिए।