रामनगर। तराई पश्चिमी वन प्रभाग के फाटो जोन में आपसी संघर्ष में घायल बाघिन को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर ढेला रेस्क्यू सेंटर भेज दिया है। बाघिन के अगले पैरों में गंभीर चोट आई है। वहीं रेस्क्यू के बाद बाघिन के दोनों शावकों का जीवन बचाना वन विभाग के लिए चुनौती बन गया है। तराई पश्चिमी वन प्रभाग के फाटो जोन में बीते लंबे समय से दो शावकों के साथ एक बाघिन पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। बाघिन शावकों के साथ फाटो के विभिन्न वाटरहोल में आसानी से दिख रही थी।
बीते दिनों एक वयस्क बाघ ने आपसी संघर्ष में बाघिन को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। बाघिन घायल अवस्था में वन कर्मियों को दिखाई दे रही थी। उच्चाधिकारियों की अनुमति के बाद कार्बेट के वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा के नेतृत्व में बाघिन का शनिवार को रेस्क्यू किया गया। उसे ढेला के रेस्क्यू सेंटर में उपचार के लिए रखा गया है। डॉ. दुष्यंत ने बताया कि बाघिन की उम्र पांच साल मानी जा रही है। बाघ के साथ आपसी संघर्ष में बाघिन के अगले पैरों में गंभीर चोट के निशान हैं।
शावकों की सुरक्षा में लगाई दो टीमें
बाघिन के रेस्क्यू के बाद उसके दोनों शावकों के ऊपर दूसरे बाघों से जान का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए वन विभाग ने दोनों शावकों के इर्द गिर्द वन कर्मियों की दो टीमों को गश्त पर लगाया है। शावकों के पास किसी वयस्क बाघ के आते ही टीमें बाघ को शावकों से दूर करेंगी। बाघिन के ठीक होने तक शावकों को भूख से बचाने के लिए विभाग मीट खिलाएगा।
कोट-
बाघिन को रेस्क्यू कर ढेला रेस्क्यू सेंटर भेज दिया है। बाघिन के शावकों की सुरक्षा के लिए दो टीमें लगाई गई हैं। – संदीप गिरि, एसडीओ, तराई पश्चिमी वन प्रभाग।