Wednesday, November 5, 2025
advertisement
Homeउत्तराखण्डरोजगार से जुड़ेंगे युवा प्राचार्य ने जताई सहमति रामनगर कॉलेज में नेचर...

रोजगार से जुड़ेंगे युवा प्राचार्य ने जताई सहमति रामनगर कॉलेज में नेचर गाइड कोर्स शुरू करने की मांग

रामनगर। विश्व विख्यात पर्यटन और कॉर्बेट नगरी के नाम से प्रसिद्ध रामनगर में अब नेचर गाइड्स का डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र शर्मा ने इस संबंध में पहल करते हुए रामनगर स्थित पीएनजी पीजी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एमसी पांडे से मुलाकात कर महाविद्यालय के सिलेबस में नेचर गाइड कोर्स को शामिल करने का आग्रह किया है। नरेंद्र शर्मा का कहना है कि रामनगर का क्षेत्र पर्यटन और विशेष रूप से कॉर्बेट नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है। यहां आने वाले देश-विदेश के लाखों पर्यटकों की पहली मांग एक कुशल गाइड होती है। ऐसे में यदि महाविद्यालय स्तर पर नेचर गाइड का डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाए तो न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे बल्कि स्थानीय लोगों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि रामनगर की भौगोलिक स्थिति और यहां की प्राकृतिक संपदा को देखते हुए नेचर गाइड का कोर्स अत्यंत उपयोगी साबित होगा।

उद्यानों में पा सकेंगे गाइड के रूप में रोजगार। नरेंद्र शर्मा ने बताया, उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य से निवेदन किया है कि महाविद्यालय में पहले से ही इको-टूरिज्म के कई कोर्स संचालित हो रहे हैं. यदि इसी के साथ नेचर गाइड का डिप्लोमा भी शुरू कर दिया जाए, तो इसका सीधा फायदा स्थानीय छात्रों और युवाओं को मिलेगा. इस कोर्स से प्रशिक्षित होकर छात्र-छात्राएं न केवल कॉर्बेट पार्क बल्कि अन्य राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों में भी गाइड के रूप में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। इससे पर्यटन क्षेत्र में भी गुणवत्तापूर्ण सुधार होग। वन क्षेत्र से जुड़ा रामनगर इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एमसी पांडे ने भी इसे सराहनीय पहल बताया। उन्होंने कहा कि रामनगर का पूरा क्षेत्र वनों और वन्यजीवों से जुड़ा हुआ है और कॉर्बेट नेशनल पार्क होने के कारण यहां का अंतरराष्ट्रीय महत्व है। इस क्षेत्र के अधिकांश रोजगार और व्यवसाय पर्यटन और प्रकृति से सीधे जुड़े हैं। इसलिए इससे संबंधित पढ़ाई और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है।

युवाओं को मिलेगा रोजगार। डॉ. पांडे ने कहा वर्तमान में हमारे महाविद्यालय में कई डिप्लोमा कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। इनमें इको-टूरिज्म और ट्रैवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट जैसे कोर्स शामिल हैं। यदि विश्वविद्यालय और संबंधित विभाग की अनुमति मिलती है, तो हम नेचर गाइड का डिप्लोमा कोर्स भी शुरू कर सकते हैं। इससे स्थानीय युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। उन्होंने आगे कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो फॉरेस्ट विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन से भी बातचीत कर इस कोर्स को जल्द से जल्द शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। रामनगर के सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों का मानना है कि यह कदम रामनगर के युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगा. पर्यटन पर आधारित इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा और प्रशिक्षित गाइड्स के माध्यम से आने वाले पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिलेगा।

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine
https://bharatnews-live.com/wp-content/uploads/2025/10/2-5.jpg





Most Popular

Recent Comments