यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर बाहर आना पहेली बना हुआ है। एक तो साफ हो गया कि जैमर काम नहीं कर रहा था लेकिन दूसरा सवाल यह है कि जब मोबाइल प्रतिबंधित था तो भीतर फोटो कैसे खींचा गया। क्या किसी ने आरोपी खालिद की मदद की।आयोग ने मोबाइल समेत सभी तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर सख्त प्रतिबंध लगाया हुआ था। सभी अभ्यर्थियों को सख्त जांच से गुजरने के बाद ही परीक्षा केंद्र के भीतर प्रवेश दिया जा रहा था। अपने पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने यह स्वीकार भी किया है कि परीक्षा कक्ष के भीतर से फोटो खींचकर बाहर भेजी गई है। सवाल यह उठ रहा है कि भीतर मोबाइल किसका था? क्या इसमें कोई और भी मिला हुआ है? पेपर भेजने का आरोपी अभ्यर्थी खालिद अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। आयोग भी इस सवाल का जवाब तलाशने में जुटा है कि खालिद की मदद किसने की। अब पुलिस की पूछताछ में ही यह राजफाश हो सकेगा कि खालिद ने इतनी पाबंदियों के बावजूद कैसे तस्वीरें बाहर भेजीं। आयोग के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल का कहना है कि हो सकता है कि किसी अन्य व्यक्ति ने उसकी मदद की हो। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
मोबाइल पर था प्रतिबंध फिर केंद्र में कैसे खींचा गया फोटो पेपर का बाहर आना बना पहेली
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