Saturday, November 1, 2025
advertisement
Homeउत्तराखण्डवन्यजीव सप्ताह विशेष शिलान्यास पर बजी थी खूब तालियां सिस्टम के जंगल...

वन्यजीव सप्ताह विशेष शिलान्यास पर बजी थी खूब तालियां सिस्टम के जंगल में वन महकमे की योजनाएं तलाश रहीं रास्ता

वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी योजनाएं सिस्टम के जंगल में रास्ता तलाश रही हैं। योजनाओं का खाका खींचा गया। शिलान्यास का कार्यक्रम भी हुआ पर वर्षों गुजर जाने के बाद योजनाओं का हाल ढाक के तीन पात वाली कहावत के आसपास ही घूम रहा है। इन योजनाओं के लोकार्पण तो दूर की बात कई का काम तक शुरू नहीं हो सका है।वन्यजीवों के इलाज के लिए नहीं बना अस्पताल वन विभाग ने हल्द्वानी में 400 हेक्टेयर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर के साथ वन्यजीवों के इलाज के लिए अस्पताल, पशु चिकित्सा कर्मियों के लिए आवास से लेकर मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए काम करने वाले संस्थान की योजना बनाई। इसके लिए अक्तूबर 2016 में शिलान्यास भी हो गया।

मामला फाइलों से आगे नहीं बढ़ा
इसके बाद बैठक, दिशा-निर्देश जारी होने के साथ निदेशक बदलने का काम ही होता रहा है। हल्द्वानी में बनने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए देहरादून में तैनात अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। यहां भी काम शुरू नहीं हो सका है। तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बांगरी का कहना है कि संबंधित प्रोजेक्ट के लिए पीपीआर तैयार हुई है जिसे शासन को सौंपा जा चुका है। अधिकारियों के अनुसार पीपीआर के डीपीआर गठन का काम होगा।इस पर मोहर लगती है और औपचारिकता पूरी होती हैं तो फिर काम शुरू होने के आसार बन सकेंगे। उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी का कहना है कि इसी अक्तूबर में योजना के तहत पहले चरण का काम पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन धराली आपदा के चलते काम प्रभावित हुआ है। दूसरी ओर बंदर, जंगली सूअर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे लोगों का खेती से मोह भंग हो रहा है। इसके मद्देनजर बंदरबाड़ा बनाने की योजना बनी। इसमें तराई पूर्वी वन प्रभाग के किशनपुर रेंज में सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में चरणबद्ध तरह से बंदर बाड़ा बनाया जाना था। इस योजना का भी शिलान्यास हुआ। पर मामला फाइलों से आगे नहीं बढ़ा है।

नियो नेटल केयर सेंटर बनाने की योजना
राजाजी टाइगर रिजर्व में हाथी कैंप है। यहां पर हाथी के बच्चों के लिए नियो नेटल केयर सेंटर बनाने की योजना बनी, पिछले साल घोषणा भी हुई पर काम आज तक शुरू नहीं हो सका है। अब यहां पर नियो नेटल केयर सेंटर के साथ हाथियों की उम्र बढ़ने पर उन्हें अलग अलग जगहों पर रखने के लिए सेंटर बनाने की योजना का प्रारंभिक खाका खींचा गया है। पर यह काम कब शुरू होगा? यह भी बड़ा सवाल है। इस संबंध में राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक कोको रोसो कहते हैं कि संबंधित योजना में भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

आगे खिसका हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण
उत्तरकाशी। गंगोत्री धाम के निकट लंका में निर्माणाधीन देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण लक्ष्य एक बार फिर से आगे खिसकेगा। इस बार धराली-हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा के चलते इसका निर्माण प्रभावित रहा। बता दें कि देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र (एसएलसीसी) की घोषणा वर्ष 2020 में हुई थी। वन विभाग की ओर से इसके निर्माण के लिए ग्रामीण निर्माण विभाग उत्तरकाशी को कार्यदायी संस्था का जिम्मा सौंपा गया जिसने वर्ष 2020 में ही केंद्र निर्माण के लिए डिजाइन व ड्राइंग का काम पूरा कर लिया था। केंद्र में करीब 4.87 करोड़ की लागत से हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के साथ कैफेटेरिया का निर्माण प्रस्तावित है।

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine
https://bharatnews-live.com/wp-content/uploads/2025/10/2-5.jpg





Most Popular

Recent Comments