Thursday, November 6, 2025
advertisement
Homeउत्तराखण्डजल संरक्षण के लिए नियमित होगी चर्चा जल स्त्रोतों और नदियों का...

जल संरक्षण के लिए नियमित होगी चर्चा जल स्त्रोतों और नदियों का होगा जिओ-हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन

देहरादून। उत्तराखंड में जल संरक्षण को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में नए प्रयासों के साथ जल संरक्षण के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिजूवनेशन प्राधिकरण का गठन किया गया था। प्राधिकरण की 11वीं बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्राकृतिक जल स्रोतों को संरक्षित करने के साथ ही उनके पुनर्जीवन को लेकर नए प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि जल संरक्षण में लघु और दीर्घकालिक नीतियों पर काम किया जाए और इसके लिए किस तरह से प्रयास किया जा सकता है, इसका लिखित दस्तावेज भी तैयार किया जाए। इतना ही नहीं सभी जिलों और विभाग को सबसे बेहतर प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया। इस दौरान प्राथमिकता के आधार पर जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए चिन्हित करने के लिए भी कहा गया।

अधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया गया कि जल स्रोत और नदियों की नियमित समीक्षा की जाए और इनका जियो हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन भी करवाया जाए। इसके अलावा अमृत सरोवर के ग्राउंड वेरिफिकेशन भी कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्राधिकरण के माध्यम से कराए जा रहे हैं विभिन्न कार्यों की जियो टैगिंग को भी अनिवार्य किया गया है। जिन क्षेत्रों में पानी की कमी है वहां भूजल रिचार्ज की योजनाओं पर काम करने के लिए भी कहा गया। प्राधिकरण की बैठक में कुछ आंकड़े भी प्रस्तुत किए गए। जिसके अनुसार गांव के स्तर पर 5421 जल स्रोत, विकासखंड स्तर पर 929 क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोत और जिला स्तर पर 292 सहायक नदियों या जल धाराओं का उपचार किया जा रहा है। प्राधिकरण के माध्यम से किए गए कार्यों के जरिए 2.38 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रिचार्ज करने का दावा किया गया है। इस दौरान यह भी बताया गया कि 500 जल स्रोत जिसमें पिछले साल 50% पानी का प्रवाह कम था. उसमें उपचार के लिए स्प्रिंग सेट विकास के कार्य वैज्ञानिक विधि के माध्यम से किए जाने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए प्राधिकरण के माध्यम से धनराशि भी विभागों को उपलब्ध कराई जाएगी।

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine
https://bharatnews-live.com/wp-content/uploads/2025/10/2-5.jpg





Most Popular

Recent Comments