Thursday, November 6, 2025
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ऐसे लिए थे विधायकों के फोन नंबर पढ़ने की उम्र में सीखा ककहरा

जवानी की दहलीज पर कदम रखने पर युवा बेहतर कॅरिअर की संभावनाएं तलाशते हैं मगर पुलिस की गिरफ्त में आए हाईस्कूल पास गौरवनाथ ने महंगे शौक पाल लिए। इन शौकों को पूरा करने के लिए जरूरी खर्च जुटाने के लिए उसने जरायम का रास्ता चुना। ठगी के मामले में एक बार जेल में रहकर आने के बावजूद वह नहीं सुधरा और इस खेल में फिर से सलाखों के पीछे पहुंच गया।विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाने का ऑफर देने मामला सुर्खियां बना था। विधायक शिव अरोरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसके पीदे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और उनकी छवि को बदनाम करने की साजिश की आशंका जताई थी। धीरे-धीरे जब प्रकरण की परत खुली तो यह बिगड़ैल युवकों की रुपये कमाने की हरकत सामने आई लेकिन गैंग का सरगना हाईस्कूल पास गौरव बेहद शातिर निकला। महज 19 साल के गौरवनाथ को क्लबों में जाने और महंगी शराब पीने का शौक है। बेहद सामान्य परिवार के उसके दोनों दोस्त प्रियांशु और उवैश भी रईसी में जिंदगी जीने के शौकीन हैं।

पुलिस पूछताछ में गौरव ने बताया कि ऐश करने के लिए रुपये कम पड़ने पर उन्होंने 26 जनवरी को योजना बनाई थी। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से मणिपुर, ओडिशा, कर्नाटक और उत्तराखंड के विधायकों के मोबाइल नंबर निकाले। विकिपीडिया से विधायकों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद इंटरनेट से ही राजनीतिक गतिविधियां पता कर योजना बनाई।इसके बाद विधायकों को मंत्री बनाने का ऑफर देकर रुपये वसूलने की तैयारी की थी। अगर वे नहीं मानते तो उनको बदनाम करने की धमकी देकर रुपये की मांग करते। इससे पहले भी नासिक पुलिस ने 35 लाख की ठगी के मामले में उसको हिरासत में लिया था।

विवेचक को दिया पांच हजार का नगद इनाम
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने मुख्य अभियुक्त गौरवनाथ को गिरफ्तार करने वाली टीम की पीठ थपथपाई। उन्होंने गौरव को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले रंपुरा चौकी इंचार्ज गणेश दत्त भट्ट को पांच हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया। पूरी टीम को अपराध समीक्षा बैठक में पुरस्कृत करने की बात कही। कहा कि अभियुक्त सर्विलांस सिस्टम को जानता था। उसने मोबाइल अधिकतर समय तक बंद रखा था। पुलिस टीम ने कई जगहों पर दबिशें दी थी। आखिरकार वह पुलिस की पकड़ में आ गया। गिरफ्तार अभियुक्त गौरवनाथ को पिछले साल दिल्ली स्पेशल सेल की टीम ने ठगी के मामले में सर्वेश मिश्रा और विशेष कुमार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ढाई महीने जेल में रहकर गौरव ने सर्वेश व विशेष से ठगी का तरीका सीखा था। दोनों से झगड़ा होने पर गौरव ने संपर्क खत्म कर दिया था। प्रियांशु की आवाज अच्छी होने पर उसे अपने साथ मिला लिया था। – मणिकांत मिश्रा, एसएसपी

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