Thursday, November 6, 2025
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घरेलू उद्योग को सस्ते आयात से बचाने की कवा भारत ने चीन और जापान पर लगाया एंटी डंपिंग शुल्क

भारत ने घरेलू उद्योग को सस्ते आयात से बचाने के लिए चीन और जापान से आने वाले जल उपचार रसायन पर पांच साल के लिए 986 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक का एंटी डंपिंग शुल्क लगाया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है।

वाणिज्य मंत्रालय की डीजीटीआर की सिफारिश के बाद फैसला
बता दें कि, यह फैसला वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की ‘ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड’ पर शुल्क लगाने की सिफारिश के बाद लिया गया। निदेशालय ने अपनी सिफारिशों में कहा कि चीन और जापान से भारत में डंप किए गए आयातों के कारण घरेलू उद्योग को नुकसान हुआ है।

पांच साल के लिए लगाया जाएगा एंटी डंपिंग शुल्क
अधिसूचना में कहा गया, ‘एंटी डंपिंग शुल्क पांच साल के लिए लगाया जाएगा (जब तक कि इसे पहले रद्द, प्रतिस्थापित या संशोधित नहीं किया जाता है)।’ डीजीटीआर कथित डंपिंग की जांच करता है और शुल्क लगाने की सिफारिश करता है। वित्त मंत्रालय सिफारिश के तीन महीने के भीतर इस बारे में अंतिम निर्णय लेता है।

क्यों डंपिंग रोधी जांच शुरू करते हैं देश?
बता दें कि, देश यह जांचने के लिए डंपिंग रोधी जांच शुरू करते हैं कि क्या लागत से कम कीमत पर आयात में बढ़ोतरी के कारण उनके घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचा है। जवाबी कार्रवाई के तौर पर, वे विश्व व्यापार संगठन की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत शुल्क लगाते हैं। डंपिंग रोधी उपाय निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने और घरेलू उद्योग को समान अवसर प्रदान करने के लिए किए जाते हैं। यह आयात को प्रतिबंधित करने या उत्पादों की लागत में अनुचित बढ़ोतरी करने का उपाय नहीं है।

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