जालसाजों ने एक युवक से उसकी नौकरी लगवाने के नाम पर दस्तावेज लिए और इनके सहारे बैंक से लोन ले लिया। युवक की शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोप है कि इस काम में उनका बैंक कर्मचारियों ने भी साथ दिया है। शहर कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसएचओ कोतवाली कैलाश चंद भट्ट ने बताया कि सचिन रस्तोगी निवासी ब्रह्मपुरी माजरा देहरादून की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है। सचिन नवंबर 2023 में जयशंकर रस्तोगी निवासी तिलक रोड देहरादून मिला। जय शंकर ने अपने परिचित हनी रस्तोगी मुरादाबाद निवासी से मिलवाया। आश्वासन दिया कि वह नौकरी दिला देगा। इसके बाद हनी रस्तोगी ने अपने परिचित सौरभ रस्तोगी निवासी बरेली आशीष चौहान निवासी नोयडा से मिलवाया। सभी ने आश्वासन दिया कि वह नौकरी दिलवाएंगे। आधार कार्ड, पैन कार्ड और कुछ दस्तावेज लेकर कर नया सिम कार्ड दिलवाया। 24 नवंबर 2023 के लिए इंटरव्यू मिलन पैलेस निकट जैन धर्मशाला स्टेशन रोड देहरादून में दिलवाया। दस्तावेज की जांच की गई और 3.50 लाख रुपये का पैकेज बताया गया। नौकरी की ज्वाइनिंग के संबंध में बात की तो टाल-मटोल करने लगे।
इसके बाद 20 दिसंबर 2023 को एक्सिस बैंक से रिकवरी एजेंट आया जिसने बताया कि आपके नाम पर 3.50 लाख रुपये का लोन चल रहा है जिसकी आपने कोई किस्त जमा नहीं की है। इसे सुनकर सचिन के होश उड़ गए। पता पता चला कि उसके नाम से बैंक खाता खुला हुआ है जिस आधार पर ऋण स्वीकृत हुआ है। जबकि इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है और न ही किसी बैंक से कभी भी ऋण के लिए आवेदन ही किया है। कोई खाता भी एक्सिस बैंक में नहीं खोला है। आरोप है कि आशीष चौहान और सौरभ रस्तोगी ने दस्तावेज का गलत रूप से इस्तेमाल कर एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक में खाते खुलवाए जिसमें न तो प्रार्थी ने अपना आधार कार्ड दिया है और न ही पैन कार्ड। बैंक वाले कह रहे हैं कि कि जब तक ऋण की अदायगी पूर्ण रूप से नहीं होगी तब तक खाते बंद नहीं किए जा सकते। पुलिस मामले में जयशंकर रस्तोगी, हनी रस्तोगी, सौरभ रस्तोगी, आशीष चौहान और अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज जांच कर रही है।