बाबा काशी विश्वनाथ प्रांगण में भस्म की होली खेली गई। बृहस्पतिवार सुबह भोलेनाथ के भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। यहां आरती के बाद सबसे पहले महंत अजय पुरी स्वयंभू शिवलिंग पर भस्म लगाकर उनका आशीर्वाद लिया, जिसके के बाद सभी भक्तों पर भभूत यानी भस्म लगाकर होली खेली गई।बृहस्पतिवार को काशी विश्वनाथ परिषद में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। एक-दूसरे को भस्म लगाकर होली की बधाई दी। इस दौरान काशी विश्वनाथ मंडली की ओर से होली और वसंत के गीत गए गए। वहीं भस्म लगाकर शिव भक्त जमकर झूमे। इस मौके पर देश-विदेश के पर्यटकों ने भी अद्भुत होली का आनंद लिया।
काशी विश्वनाथ मंदिर महंत अजय पुरी ने बताया कि जहां आज के समय में रासायनिक होली का प्रचलन बढ़ गया है। ऐसे समय में भोलेनाथ के दरबार से भस्म की होली खेलकर यह संदेश दिया जा रहा है। हम रासायनिक यानी केमिकल रंग छोड़ प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें। कहा कि उत्तरकाशी को कलयुग का काशी कहा जाता है। कलयुग में काशी विश्वनाथ अस्सी गंगा वरुणा नदी के बीच वरुणावत पर्वत की तलहटी में निवास करेंगे। वहीं भस्म या भभूत होली के गवाह बने। भस्म की होली के बाद मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, नगरपालिका अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान, सुरेंद्र गंगाडी, मोहन डबराल, कन्हैया सेमवाल, सुभाष कुमाई, शैलेंद्र नौटियाल, संजय पंवर आदि मौजूद रहे।