विकासनगर। चकराता वन प्रभाग के अंतर्गत आसन कंजर्वेशन में विदेशी पक्षियों (साइबेरियन पक्षी) का आगमन हो गया है। आसन कंजर्वेशन रिजर्व में अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह से ही विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। यह विदेशी पक्षी मार्च महीने तक अपना डेरा आसन झील में जमाए रहते हैं। दौरान पक्षी प्रेमी और पर्यटकों इनका दीदार करने के लिए आते हैं। बड़ी संख्या में सैलानी उन्हें अपने कैमरे में कैद करने के लिए पहुंचते हैं। गौर हो कि आसन कंजर्वेशन रिजर्वन में इन दिनों विदेशी पक्षियों का दीदार करने के लिए पक्षी प्रेमी और पर्यटक आसन झील पंहुच रहे हैं। अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में शुरू हुई विदेशी पक्षियों की आगमन लगातार जारी है। इन दिनों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व अन्य राज्यों से पर्यटकों के पंहुचने का सिलसिला शुरू हो गया है। जो विदेशी पक्षियों का नजदीकी से दीदार कर रहे हैं।
पक्षी प्रेमी एकलव्य बताते है कि वह प्रति वर्ष आसन कंजर्वेशन में पक्षियों को देखने आते हैं। यहां आकर उन्हें काफी अच्छा लगता है। पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान बहुत सुंदर है। शासन-प्रशासन को साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे क्षेत्र सरकार के लिए भी अच्छी आमदनी का सोर्स हो सकता है। चकराता वन प्रभाग के वन दरोगा व पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप सक्सेना कहा कि हर साल आसान कंजर्वेशन रिजर्व में यहां पर प्रवासी पक्षी प्रवास पर आते हैं। इसमें रूडी शेल्डक, गेडवाल, मलार्ड, नॉर्दर्न पिंटरेस्ट हैं। कुल मिलाकर लगभग 17-18 प्रजाति के प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। जिनकी संख्या करीब 6000 तक पहुंचेगी और यह पक्षी साइबेरिया से आते हैं। करीब लगभग 16000 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके यहां पर पहुंचते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सर्दियों में साइबेरिया में झीलें जम जाती हैं। जिस कारण इन्हें भोजन नहीं मिल पाता है और यह भोजन की तलाश में उत्तरी ध्रुव पार करके, फिर नीचे की तरफ जाती है। जहां पर इन्हें झीलें और भोजन मिलता है, इसलिए ये हर साल आते हैं।