वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों को गाजा से हटाने का प्रस्ताव दिया है। इन शरणार्थियों को जॉर्डन, मिस्र और अरब देशों में बसाने का सुझाव दिया है। इस संबंध में उन्होंने संबंधित राष्ट्राध्यक्षों से भी बात की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाले फैसले में गाजा पट्टी की ‘सफाई’ का सुझाव दिया है। इजराइल-हमास युद्ध के दौरान पूरा इलाका मलबे में तब्दील हो गई है। उन्होंने इस पट्टी से फिलिस्तीनियों को पड़ोसी देशों में स्थानांतरित करने का विचार व्यक्त किया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने जॉर्डन के राजा से आवास निर्माण की संभावना तथा गाजा से 10 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों को पड़ोसी देशों में स्थानांतरित करने के बारे में बात की।ट्रंप ने कहा कि उन्होंने शनिवार को फोन पर बातचीत में जॉर्डन के अब्दुल्ला द्वितीय से अधिक फिलिस्तीनियों को अपने यहां लाने के लिए कहा। अब्दुल्ला द्वितीय इस क्षेत्र में अमेरिका का एक प्रमुख साझेदार है। सीएनएन ने एयरफोर्स वन में ट्रंप के बयान के हवाले से बताया, ‘मैंने उनसे कहा कि मैं चाहूंगा कि आप और अधिक काम करें, क्योंकि मैं इस समय पूरे गाजा पट्टी को देख रहा हूं और वहां पर अव्यवस्था है, वास्तव में अव्यवस्था है।
जॉर्डन की सरकारी समाचार एजेंसी पेट्रा ने ट्रंप के साथ बातचीत की खबर दी, लेकिन फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने का कोई जिक्र नहीं किया। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार राज्य में पहले से ही 2.39 मिलियन से अधिक पंजीकृत फिलिस्तीनी शरणार्थी रह रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि वह चाहते हैं कि जॉर्डन और मिस्र दोनों ही लोगों को अपने यहां रहने दें। जॉर्डन और मिस्र गाजा की सीमा पर हैं। वह इस मामले में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से भी बात करेंगे। सीएनएन के अनुसार ट्रंप ने कहा, ‘आप डेढ़ लाख लोगों की बात कर रहे हैं, और हम उस पूरी चीज को साफ कर देंगे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सदियों से संघर्ष चल रहा है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं पता, कुछ तो होना ही चाहिए, लेकिन यह सचमुच अभी विध्वंस स्थल है। लगभग सब कुछ ध्वस्त हो चुका है। लोग वहां मर रहे हैं। इसलिए मैं कुछ अरब देशों के साथ मिलकर किसी अलग स्थान पर आवास बनाना चाहूंगा, जहां मुझे लगता है कि वे बदलाव के लिए शांति से रह सकते हैं। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इजरायली हवाई हमलों में स्कूलों और अस्पतालों सहित लगभग 60 प्रतिशत इमारतें और लगभग 92 प्रतिशत घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं। गाजा के लगभग 90 प्रतिशत लोग विस्थापित हो गए हैं और कई निवासियों को बार-बार, कुछ को 10 से अधिक बार, स्थान बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है।