बागेश्वर जिले के पौंसारी आपदा को 90 घंटे से अधिक बीत चुके हैं लेकिन अब भी मलबे में जिंदगी की तलाश जारी है। दो ग्रामीण अब तक लापता हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर सर्विस के 50 से ज्यादा जवान लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं। तीन किलोमीटर तक फैले मलबे में जवानों ने दिन-रात खोजबीन की लेकिन गिरीश और पूरन चंद्र का अब तक पता नहीं चल सका है। गांव में 28 अगस्त की रात आई आपदा के बाद बसंती देवी, बचुली देवी और रमेश चंद्र जोशी के शव बरामद हो चुके हैं। सोमवार को भी खराब मौसम और बारिश ने रेस्क्यू टीम की राह मुश्किल कर दी। इसके बावजूद जिंदगी की तलाश में जवान पूरी ताकत से अभियान में जुटे हैं। प्रभावित जगह तक मशीनें ले जाना मुमकिन नहीं है इसलिए हाथों से और औजारों से मलबा हटाकर खोजबीन की जा रही है। अभियान की मॉनिटरिंग विधायक सुरेश गढ़िया, डीएम आशीष भटगांई और एसपी चंद्रशेखर आर. घोड़के कर रहे हैं। इस बीच आपदा के कारण क्षतिग्रस्त पौंसारी गांव की पेयजल लाइन ठीक कर दी गई है। पाइप बह जाने से ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। लोग प्राकृतिक स्रोतों और बरसाती नालों से पानी लाने को मजबूर थे।राहत दल की टीमें पूरी सक्रियता से जुटी हैं। जब तक दोनों लापता लोगों को ढूंढ नहीं लिया जाता तब तक रेस्क्यू अभियान जारी रहेगा। – सुरेश गढ़िया, विधायक
बैसानी-पौंसारी सड़क पर क्षतिग्रस्त पुल पर आवागमन शुरू
आपदा प्रभावित क्षेत्र में अमर उजाला में प्रकाशित खबर का बड़ा असर हुआ है। बैसानी-पौंसारी सड़क पर क्षतिग्रस्त पुल को ठीक कर आवाजाही शुरू करा दी गई है। 28 अगस्त की रात हुई अतिवृष्टि से बैसानी और पौंसारी गांव को जोड़ने वाले माेटरपुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। तब से वहां से आगे वाहनों की अवाजाही नहीं हो पा रही थी। इस मुद्दे को 30 अगस्त के अंक में प्रमुखता से उठाया गया था। लोनिवि ने पुल के क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत कर सोमवार को आवाजाही शुरू करा दी। पुल पर आवाजाही सुचारू होने के बाद जेसीबी मशीनों को आगे भेजा गया है। बैसानी-पौंसारी मार्ग में पुल के पार आए मलबे और सड़क के वॉशआउट हिस्सों की मरम्मत भी शुरू हो गई है। मंगलवार तक आपदा प्रभावित पौंसारी गांव तक वाहनों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है। प्रभावित गांव की पेयजल लाइन दुरुस्त कर दी गई है। आपूर्ति सुचारू होने से ग्रामीणों को राहत मिली है। – शिखा सुयाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी
राहत टीम को पैदल चलना पड़ा
28 अगस्त को पौंसारी गांव के खाईइजर तोक आई आपदा के लिए राहत-बचाव टीमें जब बैसानी गधेरे में पहुंची तो वहां पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त मिला। जिससे उससे आगे वाहनों की आवाजाही करना संभव नहीं था। राहत-बचाव और प्रशासन की टीमें वहां से पैदल ही तीन किमी की दूरी तय कर पौंसारी के खाईइजर तोक पहुंची। सड़क का संपर्क टूटने से राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही थी। क्षेत्र के मालूखाल में बने हेलीपैड के संपर्क मार्ग को भी व्यवस्थित कर दिया गया है। जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू में हेली की मदद भी ली जा सकती है। आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत-बचाव के लिए बैसानी-पौंसारी सड़क को खोलना प्राथमिकता थी। पूरी टीम ने देर रात तक कड़ी मशक्कत की है। जिसके बाद पुल को फिलहाल वाहनों की आवाजाही के लायक बना दिया गया है। मंगलवार तक वाहनों को पौंसारी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। मालूखाल में बने हेलीपैड के संपर्क मार्ग को भी दुरूस्त कर दिया गया है। –अमित कुमार पटेल, ईई लोनिवि कपकोट







