मझोला। राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुनपहर कई सालों से शासकीय उपेक्षा का दंश झेल रहा है। हालत यह हो गई है विद्यालय में सुविधाएं न होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को यहां पढ़ाने में भी रुचि नहीं ले रहे हैं। वर्तमान में यहां कक्षा दो से पांचवीं तक सिर्फ नौ बच्चे ही रह गए हैं। कक्षा एक में छात्र संख्या शून्य है। विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षक तैनात हैं।किसी समय सुनहर गांव के अलावा उलानी, जादोपुर व आसपास के गावों के बच्चे प्राथमिक शिक्षा के लिए राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुनपहर पर निर्भर थे।
पिछले कुछ सालों में यह परिदृश्य एकदम से बदल गया है। इस सरकारी स्कूल के लिए बस सुविधा भी नहीं है। वर्तमान में विद्यालय भवन जर्जर हालत में पहुंच चुका है। सुनपहर प्राथमिक विद्यालय में छात्र-छात्राएं एक ही कक्ष में पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल की एक कक्ष की छत भी बरसात में टपकती है। विद्यालय में चार कमरों में से तीन खस्ताहाल हैं।विद्यालय की तरफ से कई बार इस समस्या से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। विद्यालय में कक्षा एक में छात्र संख्या शून्य होने के साथ ही कक्षा दो में छात्र संख्या एक, कक्षा तीन में दो , कक्षा चार में पांच व कक्षा पांच में छात्र संख्या एक है।
कोट
विद्यालय की हालत बेहद खस्ताहाल हो चुकी है। सुविधाओं के अभाव में बच्चों की संख्या भी कम है। वर्तमान में सिर्फ नौ बच्चे ही पढ़ रहे हैं। इस समस्या को कई बार विभाग को अवगत करा दिया गया है लेकिन समाधान नहीं हो रहा। – हरपाल सिंह, प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुनपहर।







