Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्डउत्तराखंड डिजिटल मीडिया नीति पर स्वतंत्र पत्रकारों की अहम बैठक, भारत न्यूज़...

उत्तराखंड डिजिटल मीडिया नीति पर स्वतंत्र पत्रकारों की अहम बैठक, भारत न्यूज़ लाइव ने दिए व्यावहारिक सुझाव

देहरादून। उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया के भविष्य को लेकर आज राजधानी देहरादून में स्वतंत्र पत्रकारों की एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित डिजिटल मीडिया पॉलिसी पर विचार-विमर्श करना और इस संबंध में सुझाव व आपत्तियाँ दर्ज कराना था।

बैठक में सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कार्यरत स्वतंत्र पत्रकारों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने एकमत होकर इस नीति की मूल भावना का स्वागत किया और इसे डिजिटल पत्रकारिता के लिए एक सकारात्मक पहल बताया।

भारत न्यूज़ लाइव ने रखे रचनात्मक सुझाव

भारत न्यूज़ लाइव के एडिटर-इन-चीफ अजय नौटियाल ने बैठक के दौरान उत्तराखंड सरकार के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान युग में डिजिटल मीडिया संवाद का सबसे सशक्त और प्रभावशाली माध्यम बन चुका है। उन्होंने सुझाव दिया कि नीति में स्थानीय डिजिटल पत्रकारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिससे उनके अधिकारों और हितों की अनदेखी न हो।

अजय नौटियाल ने कहा कि “डिजिटल पत्रकारों को भी वही सुविधाएं और मान्यता मिलनी चाहिए जो पारंपरिक मीडिया को प्राप्त हैं। सरकार की योजनाओं और नीतियों को जन-जन तक पहुँचाने में डिजिटल मीडिया की भूमिका अब केंद्रीय हो गई है।”

प्रस्तावों और आपत्तियों पर हुई चर्चा

बैठक के दौरान पत्रकारों ने सरकार द्वारा तय की गई कुछ शर्तों पर आपत्ति जताई। खासकर फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर्स की न्यूनतम संख्या एक लाख रखे जाने पर पुनर्विचार की मांग की गई। पत्रकारों ने तर्क दिया कि उत्तराखंड एक सीमित जनसंख्या वाला राज्य है, इसलिए यह मापदंड उचित नहीं है और इसे राज्य की जनसंख्या और सामाजिक संदर्भों के अनुरूप संशोधित किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही पत्रकारों ने यह भी मांग की कि पत्रकारों और कंटेंट क्रिएटर्स के बीच स्पष्ट अंतर किया जाए। पत्रकारों का पंजीकरण जिला सूचना कार्यालय और LIU (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) की जांच के बाद किया जाना चाहिए, जिससे नीति का दुरुपयोग रोका जा सके।

नीति से पारदर्शिता और सुरक्षा की उम्मीद

बैठक में मौजूद पत्रकारों ने कहा कि यह नीति न केवल डिजिटल मीडिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाएगी, बल्कि इससे पत्रकारों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा भी मिलेगी। इससे स्वतंत्र पत्रकार बिना किसी दबाव के निष्पक्ष और साहसी पत्रकारिता कर सकेंगे।

बैठक में डिजिटल मीडिया पत्रकारों की एक यूनियन बनाए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिस पर शीघ्र ही कार्यवाही की जाएगी।

सरकारी आश्वासन और तंत्र की स्थापना

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया कि डिजिटल मीडिया में कार्यरत पत्रकारों को भी अब प्रिंट और टीवी पत्रकारों की तरह सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इसके लिए सरकार एक तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र भी स्थापित कर रही है, जो डिजिटल मीडिया आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की सुनवाई करेगा।

कुछ चिंताएं भी आईं सामने

जहां अधिकांश पत्रकार इस नीति का समर्थन करते दिखे, वहीं कुछ पत्रकारों ने नीति के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों के पालन की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि नीति जितनी सशक्त होगी, उतनी ही पारदर्शी भी होनी चाहिए।

इन वरिष्ठ पत्रकारों की रही भागीदारी

इस बैठक में अजय नौटियाल (भारत न्यूज़ लाइव), शिववर्धन सिंह, दीपक कैंतुरा, मोहन कैंतुरा, पहाड़ी शहजाद अली, दीप मैठाणी, मनु पंवार, मनवर रावत, अफ़रोज़ खां और हरीश पंवार सहित कई स्वतंत्र और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकार शामिल हुए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments