प्रेस विज्ञप्ति – 21 फरवरी 2025 देहरादून – प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, राजपुर रोड में आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रेस वार्ता में प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा विधानसभा में पेश किया गया बजट जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। भले ही बजट का आकार बढ़ाया गया हो, लेकिन पिछले वर्षों की तरह इस बार भी बजट प्रावधान और वास्तविक खर्च के बीच भारी अंतर रहने की आशंका है। जब तक सरकार इस अंतर को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाएगी, तब तक बजट के बड़े होने से कोई वास्तविक लाभ जनता को नहीं मिल पाएगा।
बजट में नहीं दिखी पलायन रोकने और परंपरागत खेती को बढ़ावा देने की योजना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह बजट उत्तराखंड के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों – पलायन रोकने, बेटियों की सुरक्षा, उद्योगों को पुनर्जीवित करने और परंपरागत कृषि को बढ़ावा देने में पूरी तरह विफल साबित हुआ है। सरकार ने गैरसैंण, जिसे जनभावनाओं की राजधानी माना जाता है, के लिए मात्र 20 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है, जिससे साफ पता चलता है कि सरकार गैरसैंण के विकास को लेकर कतई गंभीर नहीं है। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को लेकर सरकार की मंशा संदेहास्पद लगती है।
उन्होंने आगे कहा कि पहाड़ी कृषि पहले से ही जंगली जानवरों के हमलों और विपरीत परिस्थितियों के कारण संकट में है। लेकिन सरकार ने न तो कृषि को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस कदम उठाया, न ही किसानों की उपज की सुरक्षा हेतु कोई विशेष प्रावधान किया है। इस उपेक्षा से साफ जाहिर होता है कि सरकार कृषि क्षेत्र के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के दावे खोखले, नंदा गौरा योजना का बजट घटाया
करन माहरा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है, उसी ने इस बजट में बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई। नंदा गौरा योजना, जिससे बेटियों को शिक्षा और प्रोत्साहन मिलता था, उसका बजट घटा दिया गया, जबकि इसकी धनराशि बढ़ाने की जरूरत थी। यह दर्शाता है कि सरकार केवल प्रचार तक सीमित है और जमीनी स्तर पर बेटियों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
उद्योगों के पुनरुद्धार और नए उद्योगों के प्रोत्साहन में भी सरकार नाकाम
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उत्तराखंड में लगातार बंद हो रहे उद्योगों को पुनर्जीवित करने और नए उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए भी बजट में कोई प्रभावी योजना नहीं है। पर्वतीय क्षेत्रों में परंपरागत फलों के उत्पादन और उनसे संबंधित उद्योगों के विकास को लेकर भी सरकार ने कोई रुचि नहीं दिखाई। यदि सरकार इस ओर ध्यान देती, तो प्रदेश के किसानों को सीधा लाभ मिलता और पलायन को भी रोका जा सकता था।
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र भी सरकार की अनदेखी का शिकार
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित ‘मिशन 2025’ का लक्ष्य इस बजट के माध्यम से कैसे पूरा होगा, यह समझ से परे है। सरकार का दावा था कि यह बजट प्रदेश के विकास का खाका खींचेगा, लेकिन इसमें न तो पटरी से उतरी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का कोई प्रावधान है और न ही शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कोई ठोस प्लान दिखता है। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी किसी बड़े सुधार की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
डबल इंजन सरकार का दावा हुआ खोखला साबित
करन माहरा ने कहा कि यह बजट उत्तराखंड की जनता की आशाओं के विपरीत है। डबल इंजन सरकार का दावा एक बार फिर खोखला साबित हुआ है। कांग्रेस पार्टी को पहले से ही संदेह था कि यह बजट जनता के हित में नहीं होगा, और वही सच साबित हुआ है। डबल इंजन सरकार का लाभ जनता को कहीं भी नजर नहीं आ रहा, बल्कि सरकार की नीतियां केवल भाषणों तक सीमित रह गई हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट