बागेश्वर में निकाय चुनाव में मतदान के दौरान लोकतंत्र में आस्था के कई रंग दिखे। शतायु, बुजुर्ग मतदाता डोली या अन्य सहारों से मतदान केंद्र पहुंचे। दिव्यांगजनों के लिए चुनाव आयोग की ओर से मतदान केंद्रों पर व्हील चेयर की व्यवस्था की थी। कुछ लोगों को स्ट्रेचर, कंधे और पीठ पर बैठाकर मतदान केंद्र तक लाया गया। शारीरिक रूप से परेशान होने के बावजूद इन लोगों ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपना फर्ज निभाया और बूथ पर आकर मताधिकार का प्रयोग किया।
डोली में बैठकर मतदान करने पहुंची 105 साल की जानकी देवी
निकाय चुनाव में लोकतंत्र में मतदान के महत्व को प्रदर्शित करती तस्वीर गरुड़ से दिखी। नौघर गांव की 105 साल की जानकी देवी मतदान करने के लिए डोली पर बैठकर मतदान बूथ पहुंची और मताधिकार का प्रयोग किया। जानकी देवी पिछले विधानसभा चुनाव में घर पर ही मतदान किया था। निकाय चुनाव में घर पर मतदान की सुविधा नहीं होने से उन्होंने बूथ पर जाकर मतदान करने की इच्छा जाहिर की। ग्रामीणों ने उन्हें डोली पर बैठाकर मतदान केंद्र तक पहुंचाया। जहां उन्होंने लोकतंत्र की मजबूती में योगदान देते हुए मतदान किया।
व्हील चेयर, स्ट्रेचर तो कोई कंधे पर बैठकर पहुंचा वोट देने
बागेश्वर और कपकोट में दिव्यांगजनों को बूथ तक पहुंचाने के लिए बूथों पर व्हील चेयर की व्यवस्था की गई थी। जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के कर्मचारी और रेडक्रॉस समिति के स्वयंसेवियों ने दिव्यांगजनों को बूथ तक पहुंचाने में मदद की। कपकोट में स्वीप के सदस्य भी दिव्यांगों की मदद कर रहे थे। नगरपालिका क्षेत्र में चलने-फिरने में अक्षम मतदाता गोविंद बल्लभ उपाध्याय, जीवन लाल, भगवान लाल साह, प्रदीप कुमार को व्हील चेयर, स्ट्रेचर की मदद से बूथों तक पहुंचाया गया। जिला समाज कल्याण अधिकारी हेम चंद्र तिवारी, रेडक्रॉस स्वयंसेवी आलोक पांडेय, कन्हैया वर्मा, वेद प्रकाश पांडेय, डीडीआरसी से संजय उपाध्याय आदि थे। कपकोट में पोलियोग्रस्त राजेश जोशी को स्वीप के सदस्यों और परिजनों ने कंधे पर बैठाकर बूथ तक पहुंचाया।
पैर में फ्रैक्चर था, व्हील चेयर पर पहुंची मतदान केंद्र
गरुड़ में पैर फ्रैक्चर होने से चलने-फिरने में असमर्थ मीना चंद्र व्हील चेयर पर बैठकर मतदान केंद्र पहुंची। उन्होंने बताया कि दो महीने पहले बंदर ने उन पर हमला कर दिया था। बंदर से बचने के चक्कर में उनका पैर फ्रैक्चर हो गया था। वह अभी चलफिर नहीं पा रहीं थी। जिसके कारण उन्हें व्हील चेयर पर बैठकर वोट डालने के लिए आना पड़ा।
व्यास की गद्दी छोड़कर मतदान करने पहुंचे
गरुड़ गंगा वार्ड निवासी कथावाचक मनोज पांडेय पाटली गांव के कमलेख में भागवत कथा करा रहे थे। अमूमन कथा के दौरान कथावाचक गद्दी छोड़कर अन्यत्र नहीं जाते हैं, लेकिन पांडेय ने लोकतंत्र के प्रति आस्था को सर्वोपरि रखा और गरुड़ आकर मतदान किया।
सहारा लेकर बूथ तक पहुंचे बुजुर्ग
कपकोट के शिवालय वार्ड में 93 साल की देवकी जोशी और वार्ड नंबर दो की 95 साल की नारायण धर्मशक्तू को परिजन सहारा देकर मतदान केंद्र तक लाए।