हरिद्वार। कांवड़ मेले के चलते हरिद्वार का प्रमुख स्थल हरकी पैड़ी पर पहुंचना शनिवार को किसी चुनौती से कम नहीं रहा। स्थिति यह थी कि अतिक्रमण और अवैध पार्किंग के चलते दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। साप्ताहिक अवकाश पर दूसरे राज्यों से आए श्रद्धालु और कांवड़ यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। बेतरतीब ढंग से खड़े वाहनों के चलते श्रद्धालुओं का घाटों पर जाना भी मुश्किल हो रहा था। वहीं वाहन भी रेंग-रेंग कर आगे बढ़े। अव्यवस्था का हाल यह रहा है कि हर की पैड़ी पहुंचने वाले मार्ग के किनारे अवैध तरीके से दुकानें लग चुकी हैं। कई दुकानदारों ने अपर रोड से आगे पहाड़ों में ही सुरंग बना दी है। इसमें संचालित हो रहे दुकानों पर न तो वन विभाग ध्यान दे रहा है न स्थानीय पुलिस चौकी कोई कार्रवाई कर रही है। हरकी पैड़ी पुलिस चौकी सहित पूरा क्षेत्र अतिक्रमण की चपेट में है। अवैध पार्किंग और दुकानों के कारण जाम लगा रहा।
चालान का भी नहीं है भय, धड़ल्ले से बिक रहे प्लास्टिक व पॉलीथीन
गंगा घाटों के किनारे अवैध दुकानों में प्लास्टिक और पॉलीथिन धड़ल्ले से बिक रहे हैं। जब कभी गंगा स्वच्छता के नाम पर अभियान चलता है तो नगर निगम भी चालान काटकर मामले से इतिश्री कर लेता है। घाटों के किनारे मौजूद दुकानों में हर समय प्रतिबंधित पॉलीथिन और प्लास्टिक खुलेआम बेची जा रही है। एनजीटी के आदेशों को ताक पर रखकर दुकानदार व्यवस्था को भी आइना दिखा रहे हैं।
जहां पैदल चलने का रास्ता नहीं, वहां रेंग रहे सैकड़ों ई-रिक्शा
कोतवाली से लेकर भीमगोड़ा बैरियर सामान्य दिनों में भी जीरो जोन घोषित रहता है। कुंभ कांवड़ और स्नान पर्व पर यह दायरा शिवमूर्ति या देवपुरा तक भी कर दिया जाता है। शिवरात्रि से पहले कांवड़ जल भरने आ रहे हैं, बावजूद इसके जीरो जोन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। हालत यह है कि एक तरफ भीमगोड़ा बैरियर पर बैठे जिम्मेदार बेरोक-टोक ई-रिक्शा को हरकी पैड़ी तक संचालन के लिए भेज रहे हैं। वहीं कोतवाली पुलिस भी शारीरिक अक्षम और असहायों की सहायता के नाम पर सैकड़ों ई-रिक्शा को संचालन से नहीं रोक रही है। हालत यह है कि जहां पर सामान्य पैदल राहगीर भी नहीं चल पा रहे हैं, वहां पर ई-रिक्शा लेकर चालक भीड़ में घुसे पड़े हैं। इससे न केवल आवागमन बाधित हुआ, बल्कि पैदल चलने वालों से भी झड़प होती रही।