Friday, November 7, 2025
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इस वजह से आक्रोशित हुए ग्रामीण बाघ के हमले में महिला की मौत से फूटा गुस्सा वन आरक्षी को पीटा

ओखलढूंगा में बाघ के हमले से शांति देवी की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने बुधवार को वन आरक्षी जसवंत रावत को पीट दिया। घटनास्थल के पास मंगलवार रात लगाया गया पिंजरा सुबह बंद देखकर ग्रामीण नाराज थे। वन विभाग की लापरवाही पर ग्रामीणों ने एसडीएम का भी घेराव किया। अब एक और पिंजरा लगा दिया गया है।ओखलढूंगा निवासी नवीन जोशी की पत्नी शांति देवी (48) मंगलवार शाम पांच बजे जंगल से चारा लेकर आ रही थीं। घर से 100 मीटर पहले ही पेड़ों की आड़ में छिपे बाघ ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें घसीटकर जंगल की ओर ले गया। एक घंटे तक जब शांति देवी घर नहीं पहुंचीं तो परिजनों और ग्रामीणों ने उनकी खोजबीन की। तब घर से 100 मीटर दूर जंगल में शव पड़ा मिला था। ग्रामीणों ने गांव में ही महिला के शव का पोस्टमार्टम करने की मांग की। ऐसा न होने पर अंतिम संस्कार नहीं करने की धमकी दी।

ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने देर रात मौके पर ही शव का पोस्टमार्टम कराया। बुधवार सुबह परिजनों ने महिला के शव का अंतिम संस्कार कर दिया।माहौल गर्माने न पाए, इसलिए बुधवार सुबह 10 बजे नैनीताल एसडीएम प्रमोद कुमार ग्रामीणों के बीच पहुंचे। तभी ग्रामीणों ने उन्हें और पहले से मौजूद रेंजर रमेश ध्यानी को घेर लिया। ग्रामीणों का कहना था कि बाघ के हमले की पहले ही आशंका जताई गई थी, मगर ध्यान नहीं दिया गया। इसी का नतीजा रहा कि शांति देवी को बाघ ने हमला करके मार डाला। एसडीएम ने बामुश्किल ग्रामीणों को समझाया और भविष्य में पूरी एहतियात बरतने का आश्वासन दिया।

साथियों ने बचाया वनकर्मी को
बुधवार दोपहर को मौके गश्त पर आए वन आरक्षी जसवंत रावत को ग्रामीणों ने पीट दिया। कहा गया कि घटना के बाद पिंजरा क्या खानापूरी के लिए लगाया गया था, जोकि बंद कर दिया गया। वनकर्मी से हाथापाई होते देख किसी तरह साथियों ने बचाया। ग्रामीणों का कहना था कि क्षेत्र में लगातार बाघ के दिखाई देने की शिकायत के बावजूद वन विभाग ने लापरवाही बरती और अब भी इसमें सुधार नहीं हुआ।

वन आरक्षी, बीट वाचर को बुलाने की मांग
ग्रामीणों ने वन आरक्षी मोहित कुमार और बीट बाउचर गणेश को मौके पर बुलाने की मांग की। उन्होंने दोनों के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त की। लोगों की नाराजगी को देखते हुए वन क्षेत्राधिकारी रमेश ध्यानी ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं हुए। दो घंटे बाद रेंजर और गांव के बड़े बुजुर्गों ने आक्रोशित लोगों को काफी समझाया, जिसके बाद वे शांत हुए।

पीटने की घटना की दी जाएगी तहरीर
कोटा के वन क्षेत्राधिकारी रमेश ध्यानी ने कहा कि वन आरक्षी को पीटना समस्या का समाधान नहीं है। बाघ को पकड़ने के लिए मौके पर दो पिंजरे के अलावा छह ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। बोले- वन कर्मियों की टीम पर यदि हमले होंगे तो वनकर्मी गश्त कैसे करेंगे। बृहस्पतिवार को कोतवाली में तहरीर देंगे। इसके अलावा रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ से मिलकर कार्रवाई की मांग करेंगे।वन विभाग की लापरवाही के चलते शांति देवी को जान गंवानी पड़ी। कई बार क्षेत्र में बाघ दिखाई देने के बावजूद विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई। इसके चलते ग्रामीणों ने बुधवार को अपनी नाराजगी जाहिर की। विभाग शांति देवी बेटों को नौकरी के साथ ही उचित मुआवजा दे। हमलावर बाघ को भी जल्द पकड़ा जाए। – प्रीति चौरसिया, निवर्तमान ग्राम प्रधान, ओखलढूंगा

ग्रामीणों को पिंजरा बंद करने को लेकर गलतफहमी हुई थी। विभाग की ओर से पिंजरा बंद नहीं किया गया था। किसी जानवर के मूवमेंट के चलते पिंजरा बंद हो गया होगा। ग्रामीणों ने वनकर्मी के साथ हाथपाई गलत की। विभाग की टीम लगातार क्षेत्र में गश्त कर रही है। जल्द बाघ को पकड़ लिया जाएगा। – दिगांथ नायक, डीएफओ, रामनगर वन प्रभाग

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