Tuesday, December 23, 2025
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शहर के इन 18 जगहों पर गुजरने से लगता है डर पूछा तो बेटियों ने बताया छात्राओं ने बयां की हकीकत

हल्द्वानी शहर के 18 स्थान ऐसे हैं जहां से गुजरने में छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। यहां उन्हें मनचलों के गंदे कमेंट और छेड़छाड़ का सामना करना पड़ता है। ऑटो चालकों से जब गलियों या संवेदनशील क्षेत्रों से जाने से मना करती हैं तो वे ऑटो से उतारने की धमकी देते हैं। छात्राओं ने यह हकीकत डीएम की ओर से बनी कमेटी के सामने बयां की तो महिला अधिकारी भी दंग रह गईं। सोमवार को महिला महाविद्यालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से असुरक्षित स्थानों के चिह्नीकरण विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। कमेटी की सदस्यों ने छात्राओं को गौरा शक्ति एप और अन्य अधिकारों की जानकारी दी।

कमेटी में शामिल अपर निदेशक प्रशिक्षण ऋचा सिंह एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट ने छात्राओं से ऐसे स्थानों के बारे में पूछा जहां उन्हें किसी तरह की असुरक्षा महसूस होती हो। पहले तो छात्राएं बताने में आनाकानी करने लगीं। उनका नाम उजागर न करने और समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया तो उन्होंने एक के बाद एक 18 स्थान गिना दिए। साथ ही चोरगलिया के मुख्य चौराहे को भी संवेदनशील बताया। कहा, इन जगहों पर नशेड़ी युवकों का जमावड़ा लगा रहता है। छात्राओं पर छींटाकशी और गंदे कमेंट किए जाते हैं।बताया कि कई बार ऑटो वाले उन्हें गलियों से लेकर आते हैं। जब उनसे कहा जाता है कि इस गली से नहीं मुख्य सड़क से चलो तो वे रास्ते में उतरने के लिए कहकर झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना अधिकारी हल्द्वानी शिल्पा जोशी, रेनू मर्तोलिया, एनएसएस प्रभारी डा. ऋतुराज पंत, डा. गीता पंत आदि मौजू रहे।

छात्राओं को यहां लगता है डर –
तिकोनिया से लेकर वर्कशॉप लाइन तक।
एमबीपीजी के पीछे जहां ई-रिक्शा खड़े रहते हैं।
मुखानी क्षेत्र में श्याम अपार्टमेंट के पास।
मंगल पड़ाव टेंपो स्टैंड पर।
मटर गली के पास स्थित पार्क में।
चौफला चौराहे के पास।
आनंदा स्कूल नहर कवरिंग रोड पर।
सुशीला तिवारी रोड के पीछे से जाने वाली सड़क पर।
डहरिया के पास।
पनचक्की के पास।
हाईडिल गेट के पास।
चोरगलिया के मुख्य चौराहे से मछली वन को जाने वाली सड़क पर।

छात्राओं ने ये सुझाव दिए –
छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
ऑटो या रिक्शा स्टैंड पर पुलिस को गश्त करनी चाहिए।
ऑटो चालकों के गले में अनिवार्य रूप से आईडी कार्ड लटका होना चाहिए।
ऑटो और टेंपो पर नंबर और मालिक का नाम-पता लिखा होना चाहिए।
टेंपो स्टैंड, बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड पर सीसीटीवी लगने चाहिए।

कार्यशाला में चिह्नित स्थानों और सुझाव के साथ समिति जिलाधिकारी को रिपोर्ट देगी जिससे संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जा सके। कार्यक्रम का उद्देश्य भयमुक्त वातावरण बनाना है ताकि छात्राएं स्वयं को असुरक्षित महसूस न करें, वे भरोसे के साथ कहीं भी आ-जा सकें। साथ ही अभिभावक भी चिंतामुक्त हो सकें। – ऋचा सिंह, अपर निदेशक प्रशिक्षण।

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