एक रात में हुई भीषण बारिश से देहरादून जिले को 211 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन अभी किया जा रहा है। ऐसे में यह आंकड़ा अभी बढ़ भी सकता है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने मंगलवार को नुकसान के संबंध में सभी विभागों के साथ समीक्षा बैठक की थी।सबसे ज्यादा नुकसान लोनिवि, सिंचाई विभाग और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को हुआ है। उन्होंने विभागों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लगातार सक्रिय रहकर लोगों को राहत पहुंचाने और मरम्मत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि 15 और 16 सितंबर की दरम्यानी रात दून घाटी में जमकर बरसात हुई थी।इससे मालदेवता, सहस्रधारा, गुच्चूपानी, टपकेश्वर मंदिर आदि जगहों पर भारी तबाही हुई। इस आपदा में कई सड़कें बह गईं और 13 से ज्यादा पुल टूट गए। करीब 20 छोटी पुलियों को नुकसान पहुंचा। इनमें एक बड़ा पुल टोंस नदी पर बना लोनिवि का और एक पुल एनएचएआई का फनवैली के पास टूट गया। यहां से अब भी आवाजाही वैकल्पिक मार्ग और हाईवे पर दूसरी लेन से हो रही है।
नुकसान का सभी विभागों ने आकलन किया तो आंकड़ा चौंकाने वाला
करीब एक सदी पुरानी नहर भी मालदेवता क्षेत्र में टूट गई। इसी क्षेत्र में सौंग नदी में मालदेवता मुख्य मार्ग भी करीब 150 मीटर बह गया। इस आपदा में जिले में 31 लोग मारे गए और करीब 10 लोग अब भी लापता हैं। आपदा से हुए नुकसान का सभी विभागों ने आकलन किया तो आंकड़ा चौंकाने वाला था। रात में कुछ घंटे की बारिश में 211 करोड़ रुपये का नुकसान जिले के विभिन्न विभागों को झेलना पड़ा। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि क्षेत्र में गृ़ह, अनुगृह मुआवजा के लिए प्रत्येक क्षेत्र में सीनियर क्यूआरटी (क्विक एक्शन टीम) तैनात कर दी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल नुकसान का आकलन चल रहा है।
बजट का इंतजार न करें तत्काल व्यवस्था बनाएं : डीएम
जिलाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि राहत के लिए व्यवस्था बनाने में बजट का इंतजार न करें। यहां पर जितनी जल्दी हो सके सारी व्यवस्थाएं बनाई जाएं। उन्होंने सभी विभागों से उनसे संबंधित प्रस्ताव जिला और शासन को भेजने के निर्देश दिए। जहां तक मुआवजे की बात है तो पशु हानि, भवन हानि, उद्यान व कृषि क्षति का आकलन करते हुए प्रभावितों को तत्काल मौके पर ही मुआवजा दिया जाए।
फिलहाल ये है मार्गों की स्थिति
जिलाधिकारी ने बताया कि नंदा की चौकी के पास बना पुल टूटने से यहां पर लोक निर्माण विभाग वैकल्पिक पुल निर्माण कर रहा है। लोनिवि ने यहां पर पुल की एप्रोच तैयार कर दी है। नदी में ह्यूम पाइप बिछाकर काम चल रहा है। पांवटा राजमार्ग पर जल्द ही वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। फिलहाल जिला प्रशासन ने पांवटा साहिब की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए प्रेमनगर के पास बन रहे ग्रीनफील्ड हाईवे से व्यवस्था बनाई है। जबकि पांवटा साहिब जाने वाले वाहनों को ठाकुरपुर की तरफ से भेजा जा रहा है। वर्तमान में लोनिवि के सात और पीएमजीएसवाई के आठ ग्रामीण मार्ग बाधित है। इन्हें खोलने के लिए भी काम युद्धस्तर पर चल रहा है।
किसे कितना नुकसान
एनएचएआई- 13.46 करोड़ रुपये
पेयजल निगम- 18.23 करोड़ रुपये
जल संस्थान- 13.31 करोड़ रुपये
सिंचाई विभाग- 64.50 करोड़ रुपये
विद्युत विभाग- 10.63 करोड़ रुपये
शिक्षा विभाग- 4.18 करोड़ रुपये
ग्रामीण विकास विभाग- 4.15 करोड़ रुपये
लोनिवि- 46 करोड़ रुपये
पीएमजीएसवाई- 26.38 करोड़ रुपये
स्वास्थ्य विभाग- 35 लाख रुपये
कृषि विभाग- 54 लाख रुपये
सभी ब्लॉक- 9.23 करोड़ रुपये