हल्द्वानी। वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ. साकेत बडोला ने शनिवार को तराई पूर्वी वन प्रभाग के तहत बनने वाले चिड़ियाघर के प्रोजेक्ट को देखा। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म की दिशा में यह बड़ा प्रयास हो सकता है। जू एंड सफारी को लेकर उन्होंने मास्टर ले-आउट प्लान तथा कार्यदायी संस्था के प्रस्तुतीकरण को भी देखा। कहा कि चिड़ियाघर यहां वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनेगा। इससे स्थानीय स्तर पर इको-पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
इससे पहले डॉ. बडोला ने शनिवार को गौला खनन शुरू होने से पहले व्यवस्था का जायजा लिया। यहां रैंप, रोड और पिलर निर्माण करने के साथ ही गौला नदी से हुए भू-धंसाव पर कार्ययोजना बनाने का आदेश दिया। उन्होंने तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज स्थित खनन गेटों का निरीक्षण किया। उन्हें बताया गया कि 2024-2025 में गौला नदी से कुल 39.27 लाख घनमीटर उपखनिज चुगान से 50.45 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। निरीक्षण के दौरान डीएफओ हिमांशु बागरी, उप प्रभागीय वनाधिकारी गौला अनिल जोशी, वन क्षेत्राधिकारी चंदन सिंह अधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी किशनपुर घनानंद चनियाल तथा वन क्षेत्राधिकारी रनसाली महेंद्र सिंह रैकुनी मौजूद रहे।
खनन शुरू होने से पहले कराएं निर्माण
वन संरक्षक ने गौला नदी में उपखनिज चुगान कार्य के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत न आने की बात कही। कहा कि कार्य अत्यधिक महत्वपूर्ण है। नियमानुसार सर्वेक्षण एवं सीमांकन हो। रैंप, रोड तथा पिलर निर्माण और मरम्मत कार्य सत्र से पूर्व पूरे हो। वन विकास निगम से समन्वय कर पारदर्शिता एवं नियमित निगरानी हो। कहा कि नदी तटों पर भू-कटाव रोकने हेतु रीवर ट्रेनिंग कार्यों का विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जाए।