काशीपुर में जल जीवन मिशन योजना के तहत सुल्तानगढ़ में निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक की छत पर कार्य करते वक्त पैर फिसलने से सोमवार को बरेली निवासी मिस्त्री वीरपाल (35) गिर गया। श्रमिक उसे 108 एंबुलेंस से उप जिला अस्पताल लाए, जहां चिकित्सकों ने वीरपाल को मृत घोषित कर दिया। बरेली (यूपी) के गांव परा बहुद्दीनपुर निवासी वीरपाल (35) पुत्र स्व. पप्पू राजमिस्त्री का काम करता था। वीरपाल के परिवार में सभी लोग राजमिस्त्री और मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते है। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार परिवार के आठ सदस्य यूपी के ठेकेदार के अधीन कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम लालपुर कॉलोनी सुल्तानगढ़ में नवंबर 2024 से ओवरहेड टैंक का निर्माण कर रहे थे।
सोमवार को सभी लोग करीब 70 फुट ऊंचे टैंक के छत पर प्लास्टर करने में जुटे थे। वीरपाल टैंक की छत पर चढ़कर फिनिशिंग का कार्य कर रहा था। अचानक पैर फिसलने से वह छत से गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पर पहुंची 108 एंबुलेंस से वीरपाल को काशीपुर उप जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां परीक्षण के बार डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची कुंडा पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के मुताबिक वीरपाल सिर के बल नीचे गिरा और अधिक रक्तस्राव होने से उसकी मौत हो गई।
सुरक्षा के मानक नहीं थे पूरे
70 फुट ऊंचे ओवरहेड टैंक निर्माण के दौरान किसी तरह से सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए थे। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर लगभग डेढ़ साल से टैंक का निर्माण हो रहा है। उन लोगों ने इतनी ऊंचाई पर काम करने के दौरान कभी भी किसी राजमिस्त्री और मजदूर को सेफ्टी बेल्ट या हेलमेट पहने नहीं देखा। ओवरहेड टैंक के चारों ओर बांस का ढांचा खड़ा करके ही कार्य किया जा रहा है। यहां नेट या हार्नेस की भी सुविधा नहीं है।21 मीटर ऊंचे ओवरहेड टैंक पर बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के श्रमिकों से ठेकेदार द्वारा काम कराना नियम विरुद्ध है। इस संबंध में जांच करके संबंधित ठेकेदार कंपनी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। – अभय प्रताप सिंह, एसडीएम काशीपुर।
जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत लालपुर कॉलोनी सुल्तानगढ़ में लगभग 21 मीटर ऊंचे ओवरहेड टैंक का निर्माण चल रहा है। इसका निर्माण यूपी की ठेकेदार कंपनी कर रही है। कंपनी ने श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण क्यों उपलब्ध नहीं कराए इस संबंध में जांच कर कार्रवाई की जाएगी। – नरेंद्र रिखाड़ी, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान काशीपुर