Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्डउठाएंगे ये कदम मामला सामने आया तो डॉक्टर भी रह गए हैरान...

उठाएंगे ये कदम मामला सामने आया तो डॉक्टर भी रह गए हैरान महज सात महीने की बच्ची को टीबी

परिजनों के अनुसार बच्ची को बीते 15 मई को टीका लगा था और बुखार आया था। तब से उसकी तबीयत ठीक नहीं है। कोटद्वार के आम पड़ाव निवासी एक कारोबारी की सात महीने की बेटी है। बीते 15 मई को बेस अस्पताल में उसका टीकाकरण कराया गया। उसके बाद बच्ची को बुखार आया तो परिजन उसे बेस अस्पताल ले गए जहां बाल रोग विशेषज्ञ डा. हरेंद्र कुमार ने उपचार किया। मगर बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो बीते 21 मई को परिजन उसे नजीबाबाद में एक निजी बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले गए। लाख कोशिशों के बाद भी टीबी मुक्त समाज की स्थापना चुनौती बनी हुई है। कोटद्वार में टीबी का ऐसा मामला आया है जिसे देख डॉक्टर भी हैरान हैं। दरअसल महज सात महीने की बच्ची में टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) के प्रारंभिक लक्षण दिखाई दिए हैं। बच्ची का डॉट्स ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले बाल रोग विशेषज्ञ की ओर से अब एक ओर जांच कराई जा रही है।वहां डॉक्टर ने बच्ची का मंटौक्स टेस्ट किया जिसमें टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) की पुष्टि हुई। इसके बाद परिजन कोटद्वार आए और बेस अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डा सुशांत भारद्वाज से संपर्क किया। मात्र सात महीने की बच्ची को टीबी होने पर डॉक्टर भी हैरत में पड़ गए। परिजनों से पूछताछ में पता चला कि उनके परिवार की कोई टीबी हिस्ट्री नहीं है। बाल रोग विशेषज्ञ का मानना है कि किसी परिवार की अगर टीबी हिस्ट्री न हो, तो वहां इतने छोटे बच्चे का ट्यूबरक्लोसिस से पीड़ित होना सोचनीय है।

अब ये होगा अगला कदम
अस्पताल में बच्ची का अब सीबी नेट टेस्ट किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट यदि पाॅजीटिव आती है तो फिर बच्ची का टीबी उपचार शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत बच्ची का एटीडी (एंटी ट्यूबरक्लोसिस ट्रीटमेंट) शुरू किया जाएगा। बच्ची को उम्र और वजन के हिसाब से टेबलेट पीस कर दी जाएगी। दरअसल मंटौक्स टेस्ट के बाद सीबी नेट टेस्ट कराने में 10 दिन का अंतर होना चाहिए। इसलिए अभी इंतजार किया जा रहा है। अगर सीबी नेट टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो कुछ समय बाद एक बार फिर मंटौक्स टेस्ट किया जाएगा। – डाॅ. सुशांत भारद्वाज, बाल रोग विशेषज्ञ, बेस अस्पताल कोटद्वार।

ऐसे होता है मंटौक्स टेस्ट
मरीज के हाथ पर इंजेक्शन लगाया जाता है। अगर इस जगह पर अगर लाल रंग का घेरा हो जाता है तो इसका मतलब संबंधित को टीबी है।

बच्ची का टीकाकरण कार्ड
बच्ची के पिता ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद उसे बेस अस्पताल कोटद्वार में पहला टीका 11 नवंबर, 2023 को, दूसरा टीका 28 फरवरी, 2024 को और तीसरा टीका इसी महीने 15 मई को लगा था। तीसरे टीके के तीन दिन बाद बच्ची को बुखार हुआ। उपचार के बाद बुखार तो उतर गया लेकिन बच्ची की तबीयत में सुधार नहीं हुआ।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments