ऋषिकेश। सेंटर में जूट बैग, पेपर फोल्डर, साइड पर्स, लैपटॉप बैग, बैंक फाइल जैसे उत्पाद तैयार किए जाते हैं। ऑर्डर के अनुसार उत्पादन होने से महिलाओं को हर महीने करीब 25 से 30 हजार रुपये तक की आय हो रही है। शशि जैठुड़ी ने बताया कि उन्होंने दो वर्ष पहले मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया था और पिछले वर्ष से अपने छोटे से कमरे में उत्पादन भी शुरू किया। अब वह अन्य महिलाओं की मदद से अच्छी मात्रा में मशरूम तैयार कर रही हैं। इसकी बिक्री स्थानीय बाजारों और आसपास के लोगों के बीच होती है। समूह में मंजू नेगी, बीना भट्ट, अनुराधा नेगी, पुष्पा भट्ट, सरिता चौहान और अनीता रावत सहयोग कर रही हैं। महिलाएं बताती हैं कि त्योहारों के दौरान सभी मिलकर होली के लिए हर्बल रंग, राखी और दीपावली के लिए सजावटी का सामान तैयार कर बाजारों में भेजती हैं। इससे सभी की आजीविका सुचारु रूप से चल रही है। श्यामपुर खदरी क्षेत्र में उन्नति स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। समूह की प्रमुख सदस्य शशि जैठुड़ी ने बताया कि उन्होंने अपने साथ अन्य महिलाओं को जोड़कर एक छोटा प्रोडक्शन सेंटर शुरू किया है, जहां सभी मिलकर अपनी आजीविका चला रही हैं।
श्यामपुर खदरी में महिला समूह आत्मनिर्भरता की मिसाल
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