कैंप का शुभारंभ सेवानिवृत्त ले. जनरल एमसी बधानी ने किया। उन्होंने कहा, यह विश्व का सबसे प्राचीन मार्शल आर्ट है। यह भारत की विधा है। शरीर, मन और आत्मा के विकास के लिए बहुत उपयोगी है। प्रशिक्षण से पहले दिल्ली कलारीपयट्टू एसोसिएशन के महासचिव व कैंप निदेशक डॉ. सुमेश पीबी और उनके दल ने कलारीपयट्टू की विभिन्न विधाओं का प्रदर्शन किया। दल ने चुवाडुकल, कोलतारी, मैपयट्टू व हाई किक जैसे कलारीपयट्टू की विभिन्न विधाओं का प्रदर्शन कर उनका महत्व बताया। कैंप में 10 से 29 वर्ष के 126 युवक एवं युवतियां प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष बडोनी, उपाध्यक्ष विपिन बलूनी, महासचिव एसके सार्की, मोईन खान, कविलास नेगी, महिपाल सिंह आदि मौजूद रहे। उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हुए कलारीपयट्टू (मार्शल आर्ट) का तीन दिवसीय निशुल्क राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कैंप का मंगलवार को शुभारंभ किया गया। कैंप में प्रदेशभर के 126 प्रतिभागी मार्शल आर्ट की बारीकियां सीख रहे हैं। उत्तराखंड कलारीपयट्टू एसोसिएशन की ओर से सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में कैंप का आयोजन किया जा रहा है।