रामनगर। विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। अब पर्यटक पार्क प्रशासन द्वारा जंगल के बीच निगरानी के लिए बनाये गए वॉच टॉवरों से वन्यजीवों को निहार सकेंगे। इसके लिए बनाई गई गाइडलाइन को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसी सत्र से यह प्रयटकों के लिए शुरू कर दिया जाएगा, जिसके लिए शासन से अनुमति मिल गई है। जंगल के बीच ऊंचाई से वनों और वन्यजीवों को देखना अपने आप काफी रोमांचक होता है। वहीं सैलानियों का यह सपना अब विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पूरा होने वाला है। हर वर्ष विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट पार्क में लाखों की तादात में पर्यटक देश-विदेश से कॉर्बेट पार्क पहुंचते हैं। अब पर्यटक सबसे चर्चित जोन ढिकाला में बने दो वॉच टावरों से वनों और वन्यजीवों को निहार सकेंगे। जिसके लिए पार्क प्रशासन इसकी तैयारी में जुटा है। इसको लेकर शासन द्वारा पार्क प्रशासन को स्वीकृति भी मिल चुकी है। साल 2018 में वॉच टावर से एक जिप्सी चालक नीचे गिरकर घायल हो गया था और सुरक्षा की कोई गाइडलाइन न होने के चलते इसे बंद कर दिया था। वहीं अब कॉर्बेट पार्क के अलग-अलग जोनों में स्थित वॉच टावर के लिए गाइडलाइन बनाई गई है, जिसके अनुसार ये शुरू होने जा रहा है। इन वॉच टॉवरों पर चढ़कर ऊंचाई से वनों और वन्यजीवों को देखने के लिए पर्यटकों को अतिरिक्त शुल्क भी चुकाना होगा। अभी यह कितना होगा यह तय नहीं किया गया है।
इन वॉच टावरों पर पर्यटक जिस वक्त जंगल सफारी नहीं होती उस समय शुल्क देकर ऊंचाई से वन्यजीवों और वनों का लुत्फ उठाएंगे। पार्क में सुबह 6 से 10 बजे तक पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठाते हैं। उसके बाद शाम 3 बजे से 6 बजे तक जंगल सफारी पर जाते हैं। जो बीच का समय है उस वक्त पर्यटक वॉच टावर में चढ़कर जंगल और वन्यजीवों को निहारेंगे। वहीं इन वॉच टावरों को खोलने को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे वरिष्ठ नेचर गाइडों में भी खुशी की लहर है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बटोला ने बताया कि इन वॉच टावरों को गाइडलाइन के अनुसार पुनः शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वॉच टावर के चारों तरफ सोलर फेंसिंग की जा रही है। जिससे पर्यटकों को वन्यजीवों से किसी भी प्रकार का कोई खतरा उत्पन्न ना हो। उसके साथ ही इन वॉच टावरों पर पर्यटकों की सुरक्षा के चलते नेचर गाइड को तैनात किया जाएगा। पर्यटक इन टावरों में पानी के अलावा किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री नहीं ले जा सकेंगे। साथ ही इस क्षेत्र में कोई भी शोर शराबा करने की अनुमति पर्यटकों को नहीं दी जाएगी।