Wednesday, November 5, 2025
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कामेश्वर चौपाल का अंतिम संस्कार बिहार में राम मंदिर अयोध्या से मिली ख्याति

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखने वाले विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष कामेश्वर चौपाल (68) का निधन हो गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य एवं बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य कामेश्वर कुछ अरसे से दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने शुक्रवार को अंतिम सांस ली। दलित समुदाय के कामेश्वर चौपाल ने ही 9 नवंबर, 1989 को अयोध्या में राम मंदिर की पहली शिला रखी थी। संघ ने उन्हें प्रथम कारसेवक का दर्जा दिया था। उन्होंने रोटी के साथ राम का नारा भी दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौपाल को सच्चा राम भक्त बताते हुए उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा, चौपाल को समाज के वंचित वर्गों के लिए उनके काम के लिए भी याद किया जाएगा।

आज गृह ग्राम कमरेल में अंतिम संस्कार
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि कामेश्वर चौपाल का पार्थिव शरीर शुक्रवार को दिल्ली से पटना ले जाया गया। शनिवार सुबह 9 बजे गृह ग्राम कमरेल में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

कामेश्वर को नहीं था पता पहली ईंट रखने का मिलेगा गौरव
रोटी के साथ राम का नारा देने वाले बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य कामेश्वर चौपाल 9 नवंबर, 1989 को श्रीराम मंदिर निर्माण के शिलान्यास में पहली ईंट रखकर देशभर में चर्चा में आ गए थे। लेकिन उन्हें आखिरी समय तक नहीं पता था कि वह पहली ईंट रखने वाले थे।विश्व हिंदू परिषद में बिहार के सह संगठन मंत्री होने के नाते कामेश्वर उस वक्त अयोध्या में उपस्थित थे। शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान धर्मगुरुओं ने जब कामेश्वर को पहली ईंट रखने को कहा, तो उनके लिए सुखद आश्चर्य हुआ। कामेश्वर अक्सर बताया करते थे कि धर्मगुरुओं ने श्रीराम मंदिर की पहली ईंट किसी दलित से रखवाने का निर्णय किया है लेकिन यह गौरव उन्हें मिलेगा, इसकी जानकारी उन्हें आखिरी पलों में ही हो पाई। देशभर से जुटे हजारों साधु-संतों और कारससेवक कार्यक्रम में मौजूद थे। 2009 के चुनाव में उन्होंने रोटी के साथ राम का नारा दिया था। इस बीच, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में कामेश्वर को भी शामिल किया गया।

चुनावी सफलता नहीं मिली
बिहार के सुपौल जिला में कोसी तटबंध के नजदीक कमरैल गांव में जन्मे कामेश्वर चौपाल को 2002 में विधान परिषद का सदस्य बनाया गया था। वे 2014 तक विधान परिषद में रहे। वह भाजपा के प्रदेश महामंत्री भी रहे, लेकिन चुनावी राजनीति में ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। 1991 में उन्होंने रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव लड़ा, हार गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन के खिलाफ सुपौल से चुनाव मैदान में उतारे गए, लेकिन जीत नहीं पाए। 1995 में बेगूसराय के बखरी विधानसभा क्षेत्र से भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

महान राम भक्त का जाना दुखद :योगी
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौपाल के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें महान राम भक्त बताया। सोशल मीडिया पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा, ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह में पूज्य संतों की उपस्थिति में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण की पहली शिला रखने महान राम भक्त कामेश्वर चौपाल का निधन अत्यंत दुखद है। वहीं विहिप ने चौपाल के निधन को दुखद बताया।

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