उत्तराखंड के 105 नगर निकाय अपनी आमदनी बढ़ाने के बजाए खर्च करने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। हालात ये हैं कि नैनीताल, चंपावत, उत्तरकाशी के नगर निकायों ने तो कुल प्राप्ति के सापेक्ष 100 प्रतिशत से भी अधिक खर्च कर दिया।अब सरकार इनके खर्च नियंत्रण में लाने के साथ ही कमाई बढ़ाने पर भी जोर देगी। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, नौ नगर निगम, 47 नगर पालिका और 49 नगर पंचायतों की वर्ष 2022-23 में स्वयं के स्रोतों से कमाई 15 प्रतिशत थी। 2023-24 में ये बढ़कर 22.8 पर पहुंच गई। इस बार 30 प्रतिशत तक कमाई होने का अनुमान है। लेकिन खर्च के मामले में देखें तो नैनीताल जिले के निकायों ने आय के सापेक्ष 115 प्रतिशत खर्च कर दिया। चंपावत ने 103 और उत्तरकाशी ने 107 प्रतिशत तक खर्च किया। राज्य के निकायों का आय के सापेक्ष कुल औसत खर्च 82 प्रतिशत तक है।
अब कमाई बढ़ाने, खर्च घटाने पर काम करेगी सरकार
नगर निकायों की कमाई बढ़ाने पर सरकार का खास जोर है। इसके तहत निकायों की कमाई को 30 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, खर्च को भी घटाकर 1100 से 900 करोड़ के आसपास लाने की कवायद की जा रही है। शहरी विकास विभाग ने निकायों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे स्वीकृत बजट की योजनाएं ही अपनी बोर्ड बैठक से पास करें। इससे इतर योजनाओं को सरकार सीधे तौर पर बजट उपलब्ध नहीं कराएगी। नगर निकायों का खर्च बढ़ाने के लिए कई और कवायदें शुरू कर दी गई हैं। निकायों की लीज की जमीनें, दुकानें, मकान अब शासन की अनुमति के आधार पर ही लीज अवधि बढ़ाई जा सकेगी। औने-पौने दामों में नहीं ले सकेंगे।