Monday, December 1, 2025
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धामी कैबिनेट के फैसले रात में भी काम करेंगी महिलाएं वन्यजीव संघर्ष में मौत पर दस लाख का मुआवजा

उत्तराखंड में दुकान, प्रतिष्ठानों में अब महिलाएं रात की पाली में भी काम कर सकेंगी। दूसरी ओर, मानव-वन्यजीव संघर्ष में मौत होने पर आश्रितों को अब छह के बजाय 10 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। कैबिनेट ने बुधवार को इस पर मुहर लगा दी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में 10 प्रस्ताव आए। जिसमें से शिक्षा संबंधी दो प्रस्तावों को पुन: परीक्षण के लिए लौटा दिया गया। आठ प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी अपर सचिव एवं सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने दी। कैबिनेट ने राज्य की दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में महिला कर्मकारों को रात्रि पाली (रात्रि नौ बजे से सुबह छह बजे तक) कार्य करने की सशर्त छूट प्रदान करने को मंजूरी दे दी है।

महिला कर्मकारों की सुरक्षा का पर्याप्त प्रावधान जरूरी है।इससे महिला कर्मकारों को कार्य करने के अधिक अवसर प्राप्त होंगे और आर्थिक सशक्तीकरण भी होगा। इसके लिए उनकी पूर्व लिखित सहमति भी जरूरी होगी। इसके अलावा, अभी तक प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर आश्रितों को छह लाख रुपये का मुआवजा मिलता था, जिसे कैबिनेट ने बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने पर मुहर लगा दी है। इससे पहले ही मुख्यमंत्री धामी जंगली जानवरों के हमलों में घायलों के इलाज का खर्च सरकार के स्तर से वहन करने की घोषणा कर चुके हैं।

चार जिलों में एपीओ के 46 पद सृजित
कैबिनेट ने अभियोजन विभाग में अभियोजन संवर्ग के 142 पद के सापेक्ष 91 पद सृजित हैं। न्यायालयों में वादों की प्रभावी पैरवी करने के लिए ढांचे को पुनर्गठित करते हुए पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के लिए सहायक अभियोजन अधिकारी के 46 अतिरिक्त पद सृजित करने को मंजूरी दी।

ये भी हुए फैसले
उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड की वित्तीय वर्ष 2024-25 के संपूर्ण लेखे-जोखे को विधानसभा पटल पर रखने को मंजूरी।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के वर्ष 2022-23 के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन को विधानसभा पटल पर रखने को मंजूरी।
जिला विकास प्राधिकरण के दायरे में मानचित्र स्वीकृति की अनिवार्यता के मामले में पुनः परीक्षण किए जाने का निर्णय किया गया।
उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के तहत अब प्रतिष्ठान के पंजीकरण के लिए 10 के बजाय 20 कर्मचारी होंगे जरूरी।
देहरादून में प्रस्तावित मेट्रो नियो परियोजना के तहत आवास व शहरी विकास विभाग मिलकर काम करेंगे।

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