Thursday, November 6, 2025
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यमुना नदी में समा गई किसानों कृषि भूमि

ब्लॉक क्षेत्र के भीमावाला के ग्रामीणों की भूमि का कटाव हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 20 वर्षों में करीब 100 बीघा कृषि भूमि यमुना नदी के कटाव की भेंट चढ़ चुकी है। इस साल भी नुकसान का डर सता रहा है। ग्रामीण नदी किनारे सुरक्षा कार्य कराने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल बरसात में यमुना नदी से उनकी कृषि भूमि का कटाव होता है। इसकी वजह से किसानों को नुकसान होता है। उनकी भूमि हर साल यमुना नदी में समा रही है। लेकिन संबंधित विभागीय अधिकारियों को उनका दर्द नहीं दिखाई दे रहा है।किसानों को डर सता रहा है कि हर साल की भांति इस साल भी उनकी कृषि भूमि यमुना नदी में न बह जाएं। बताया कि अधिकारियों को कई बार भूमि कटाव के बारे में बताया जा चुका है। लेकिन, आज तक कुछ नहीं किया गया है। कहा कि यमुना नदी के किनारे सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए तो उनकी भूमि धीरे-धीरे यमुना नदी में समा जाएगी।

पिछले 20 साल से यमुना नदी से भूमि का कटाव हो रहा है। करीब 100 बीघा के आसपास भूमि यमुना नदी के कटाव में बह चुकी है। लेकिन, सरकार की ओर से आज तक उसका मुआवजा तक नहीं दिया। – गुलफाम, स्थानीय निवासी

यमुना नदी में हर साल ग्रामीणों की भूमि बह जाती है। लेकिन, सरकार यमुना नदी के किनारे सुरक्षा कार्य नहीं करा रहा है। सरकार को किसानों का दर्द देखते हुए यमुना नदी किनारे सुरक्षा कार्य कराने चाहिए। – टीकम सिंह, स्थानीय निवासी

भू कटाव को रोकने के लिए नौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा चुका है। स्वीकृति मिलने पर शीघ्र कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। – मुकेश बहुगुणा, सहायक अभियंता, सिंचाई विभाग, खंड विकासनगर

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