विकासनगर में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। गुर्दे के गंभीर रोग से पीड़ित और गंभीर मरीजों को डायलिसिस के लिए करीब 45 किमी दूर देहरादून के अस्पतालों में जाना पड़ता था। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को सबसे अधिक परेशानी होती थी। कई मरीजों को सप्ताह में एक से दो बार डायलिसिस होता है। आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को अब डायलिसिस के देहरादून के अस्पताल के चक्कर नहीं काटने होेंगे। हरबर्टपुर मसीह अस्पताल (लेहमन अस्पताल) में आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को डायलिसिस के लिए भुगतान नहीं करना होगा। अस्पताल में डायलिसिस शुरू कर दिया गया है। जल्द ही विधिवत उद्घाटन किया जाएगा।
मरीजों को किराया देकर देहरादून जाना पड़ता था। देहरादून के अस्पतालों में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण डायलिसिस के लिए आगे की तिथि दी जाती है। प्रबंधक निदेशक डॉ. मैथ्यू सेमुअल ने बताया कि हरबर्टपुर मसीह अस्पताल में डायलिसिस यूनिट शुरू कर दी गई है। फिलहाल यूनिट में तीन डायलिसिस मशीन स्थापित की गई है। मरीजों की संख्या को देखते हुए डायलिसिस मशीन की संख्या को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल यूनिट में रोजाना नौ मरीजों के डायलिसिस किए जा सकते हैं। अस्पताल में आयुष्मान के पैनल शामिल है। जल्द यूनिट का लोकार्पण किया जाएगा।