केरल पुलिस ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और 10 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन लोगों ने कोच्चि में हुए एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक रास्ते में रुकावट डाली और बिना अनुमति लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया। यह कार्यक्रम शनिवार शाम वांची स्क्वायर, केरल हाई कोर्ट जंक्शन के पास हुआ था। इसका आयोजन मानवाधिकार संगठनों ने पत्रकार रीजाज एम शीबा सिदीक की गिरफ्तारी के विरोध में किया था। इसमें सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और वेलफेयर पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल थे।
नागपुर में हुई थी रीजाज सिदीक की गिरफ्तारी
रीजाज एम शीबा सिदीक, जो केरल के रहने वाले पत्रकार हैं, को नागपुर में गिरफ्तार किया गया था। उन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना की थी।
सार्वजनिक रास्ते में डाली गई रुकावट
एफआईआर के मुताबिक, करीब 30 लोग शनिवार शाम चार बजे वांची स्क्वायर पर जमा हुए। उन्होंने यूएपीए कानून के खिलाफ नारेबाजी की और माइक व लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया। इससे पैदल चलने वालों की आवाजाही में रुकावट हुई। पुलिस के पहुंचते ही अधिकतर लोग वहां से भाग गए, लेकिन दो लोगों की पुलिस से झड़प हुई। उन्हें हिरासत में लेकर एर्नाकुलम सेंट्रल पुलिस स्टेशन ले जाया गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
इन 11 लोगों को बनाया गया आरोपी
इस एफआईआर में जिन 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें सिद्दीकी कप्पन, नीहारिका प्रदूष, प्रमोद पुजंगारा, अंबिका, सी पी राशिद, साजिद खालिद, बाबूराज भगवती, वी एम फैज़ल, मृत्युला भवानी, डॉ. हरी और शनीर शामिल हैं। पुलिस ने मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 189(2), 190 और 285, साथ ही केरल पुलिस एक्ट की धाराओं 118(ई) और 117(ई) के तहत दर्ज किया है। इस बीच, भाजपा की एर्नाकुलम जिला इकाई ने पुलिस में शिकायत की है कि इस कार्यक्रम में कप्पन की भागीदारी, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय की गई उनकी जमानत की शर्तों का उल्लंघन है।