अल्मोड़ा। बेस अस्पताल में जलापूर्ति ठप होने से मरीज और स्वास्थ्य कर्मी पानी के लिए तरस गए हैं। जलापूर्ति को लेकर अस्पताल प्रबंधन और जल संस्थान आमने-सामने है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों, तीमारदारों और स्वास्थ्य कर्मियों को पर्याप्त पानी मिले, इसके लिए कोसी से योजना के लिए जल संस्थान को 10 करोड़ रुपये दिए गए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। वहीं, जल संस्थान का कहना है कि कोई दिक्कत नहीं है, अस्पताल प्रबंधन बेवजह जलापूर्ति ठप होने की बात कर रहा है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल बेस में मरीजों, तीमारदारों और स्वास्थ्य कर्मियों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए कोसी नदी से 10 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है।
चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने जल संस्थान को वर्ष 2022 में धनराशि दी और संस्थान ने योजना का निर्माण किया। बेस अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक पूरा पैसा देने के बाद भी योजना से पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो रही, इससे मरीज, तीमारदार और स्वास्थ्य कर्मी जल संकट से जूझ रहे हैं। वहीं, जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि कभी कभार योजना में लोड न लेने से योजना के पंप काम नहीं करते, इससे जलापूर्ति प्रभावित होती है। वर्तमान में योजना से जोड़ा गया टैंक पानी से लबालब भरा है। बेस अस्पताल प्रबंधन बेवजह जलापूर्ति ठप रहने की बात कर रहा है। ऐसे में दोनों संस्थानों की आपसी लड़ाई की मार मरीज, तीमारदार और स्वास्थ्य कर्मी सह रहे हैं। संवाद
लमगड़ा योजना से भी नहीं हो रही पर्याप्त जलापूर्ति
अल्मोड़ा। बेस अस्पताल और मेडिकल कॉलेज को जलापूर्ति करने के लिए लमगड़ा से भी एक अन्य योजना बनाई गई है। बेस अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में हर दिन चार लाख लीटर पानी की जरूरत है। दोनों योजनाओं से सिर्फ 50,000 लीटर पानी ही मिल रहा है, इससे जल संकट गहरा गया है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि लमगड़ा योजना से जलापूर्ति करने के लिए हर साल छह लाख रुपये का भुगतान हो रहा है।
कोट– बेस अस्पताल के लिए कोसी से बनी योजना से जलापूर्ति नहीं हो रही है, इससे मरीज, तीमारदार और स्वास्थ्य कर्मी परेशान हैं। संस्थान को व्यवस्था में सुधार के लिए पत्र भेजा गया है। –प्रो. सीपी भैंसोड़ा, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा।
कोट- कोसी योजना से बेस अस्पताल के पास बने टैंक में पर्याप्त जलापूर्ति हो रही है। अस्पताल प्रबंधन बेवजह जलापूर्ति न करने का आरोप लगा रहा है। मौके पर जाकर टैंक का निरीक्षण किया जा सकता है। –अरुण कुमार सोनी, ईई, जल संस्थान, अल्मोड़ा।
बेस अस्पताल में पानी के लिए तरसे मरीज और स्वास्थ्य कर्मी
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