काशीपुर। केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में अमृत योजना लागू की थी। इसके तहत नगर निगम प्रशासन ने एसटीपी के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। वर्ष 2017 में प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई। साथ ही 35,38,00,000 रुपये में प्लांट का टेंडर दिल्ली की एसएन एनवायरटेक कंपनी को मिला था। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए बनने वाले विद्युत सब स्टेशन के चक्कर में प्लांट के खुलने में अभी और समय लग सकता है। तीन बार ऊर्जा निगम की ओर से भूमि का अधिग्रहण कर कार्य किया जाना शेष है। वहीं एसटीपी में मशीनें इंस्टॉल हो गई है। तब कार्यदायी कंपनी ने वर्ष 2017 में मुरादाबाद रोड स्थित पेयजल निगम प्रांगण के पास एसटीपी बनाने का कार्य शुरू किया, जिसे पूरा करने का समय 2021 तय किया गया था। लेकिन निर्माण पूरा नहीं हो सका। इसके बाद कंपनी को मार्च 2023 तक का समय दिया। उसके बाद मशीन स्थापित न होने से अगस्त 2023 तक का समय दिया गया था जो अभी तक चल रहा है।
वहीं अब इस प्लांट के लिए ऊर्जा निगम पूरा लोड नहीं दे पा रहा है जिसके चलते जल निगम परिसर के पास ही एक 11 केवी का सब स्टेशन बनाने का प्रस्ताव बनाया गया। इससे प्लांट को बिजली मिलेगी। लेकिन ऊर्जा निगम यहां आसपास की आबादी में भी बिजली आपूर्ति को सुचारु रखने के लिए इस सब स्टेशन को बढ़ाकर 33 केवी तक बनाने की कवायद में है। इसके लिए ऊर्जा निगम जल निगम की भूमि पर अधिग्रहण कर काम शुरू करेगा जिसकी वजह से एसटीपी प्लांट को अभी और समय लग सकता है। फिलहाल मशीन इंस्टॉलमेंट का कार्य चल रहा है, जिसके बाद अगले महीने ट्रायल किया जाएगा।अभी मशीनों का इंस्टॉलेशन चल रहा है। उसके बाद ऊर्जा निगम प्लांट के पावर सप्लाई देने के लिए एक सब स्टेशन बनाएगा। जो भूमि अधिग्रहण के बाद बनना प्रस्तावित है। – शशिपाल सिंह चौहान, एई, पेयजल निगम काशीपुर।